लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मची भगदड़ के बीच योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा और मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया है। कभी बसपा में भी रह चुके स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपना त्यागपत्र राज्यपाल को प्रेषित कर दिया है। अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद उन्होंने यह बड़ा कदम उठाया। तिलहर से विधायक रोशन लाल ने भी भाजपा से इस्तीफा दे दिया है।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस्तीफा देने के साथ ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ले ली है। कुशीनगर के पडरौना से भाजपा के विधायक स्वामी प्रसाद मौर्या योगी आदित्यनाथ सरकार के पहले मंत्री हैं जिन्होंने इस्तीफा दिया है। वह पडरौना से लगातार तीन बार से विधायक हैं। लखनऊ में मंगलवार को सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्या ने कैबिनेट मंत्री के पद से अपना इस्तीफा दिया।
राज्यपाल को प्रेषित इस्तीफे में स्वामी प्रसाद ने लिखा है, “माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं।”
इससे पहले ओम प्रकाश राजभर ने सरकार ने समर्थन वापस लेकर मंत्री पद छोड़ा था। स्वामी प्रसाद मौर्या प्रदेश सरकार में श्रम और सेवायोजन मंत्री थे। उनकी बेटी संघप्रिया बदायूं से भाजपा सांसद हैं जबकि पुत्र उत्कृष्ट मौर्य ने 2017 के विधानसभा चुनाव में रायबरेली के ऊंचाहार से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था।
तिलहर से विधायक रोशन लाल का भाजपा से इस्तीफा
शाहजहांपुर जिले के तिलहर से विधायक रोशन लाल ने भी भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। वह सामूहिक दुष्कर्म के मामले में बेटे के साथ आरोपित हैं। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रोशन लाल बसपा से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गये थे।