बरेली : साहित्यकार एवं पूर्व एमएलसी रमेश चंद्र शर्मा ‘विकट’ के आकस्मिक निधन पर कवि गोष्ठी आयोजन समिति के तत्वावधान में शोकसभा आयोजित की गयी। संस्था के पदाधिकारियों, साहित्यकारों एवं समाजसेवियों ने रमेश विकट के साथ जुड़े संस्मरण सुनाते हुए उन्हें उच्चकोटि के साहित्यकार के साथ ही बेहतरीन इंसान भी बताया।
संस्था के अध्यक्ष रणधीर प्रसाद गौड़ ‘धीर’ ने बताया कि उन्होंने विकट जी के साथ काफी अरसे तक मंचों पर काव्य पाठ किया। वह हिंदी साहित्य के सच्चे साधक एवं समाजसेवी थे। उनका निधन साहित्य के साथ-साथ समाज के लिए भी अपूर्णीय क्षति है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ महेश मधुकर ने कहा कि विकट जी ने भारतीय जीवन के विविध पक्षों को लेकर साहित्य रचना की। उनका निधन एक युग का अवसान है।
सचिव उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने विकट जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह एक कुशल राजनीतिक, आदर्श शिक्षक, प्रखर वक्ता एवं श्रेष्ठ साहित्यकार थे। वह कवि गोष्ठी आयोजन समिति के संरक्षक भी रहे। संस्था ने उन्हें ज्ञान स्वरूप कुमुद साहित्य सम्मान 2020 से अलंकृत किया था। आज वे हमारे बीच नहीं हैं पर वह अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व के लिए सदैव स्मरणीय रहेंगे। ऊपर दी गयी फोटो इसी अवसर की है।
इस अवसर पर जेसी पालीवाल, आनंद गौतम, विनय सागर जायसवाल, रोहित राकेश, निर्भय सक्सेना, शिव शंकर यजुर्वेदी, सौरभ सक्सेना, राज नारायण गुप्ता, बीना शर्मा,राम प्रकाश सिंह ओज, राममूर्ति गौतम, सुभाष रावत ‘राहत बरेलवी’, योगेश जौहरी, रामशंकर प्रेमी, राम कुमार भारद्वाज, मनोज दीक्षित टिंकू एवं संजीव शंखधार आदि ने 2 मिनट का मौन धारण कर गतात्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की।