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बरेली : धंधा जहरखुरानी, लूट और टप्पेबाजी, शौक- ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और खरीददारी। ट्रेनों में दोस्त बनकर यात्रियों को लूटने वाला यह शातिर गिरोह आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। जीआरपी ने आज शनिवार को तीन लोगों को गिऱफ्तार कर 2 लैपटॉप, 12 स्मार्टफोन, सोने-चांदी के आभूषण समेत अन्य कीमती सामान और 96 हजार रुपये नकद बरामद किए हैं। अदालत में पेश करने के बाद इन सभी को जेल भेज दिया गया।

जीआरपी के मुताबिक इस गिरोह का सरगना औरेय्या के कटरा का रहने वाला मनोज कुमार है। काम की तलाश में दिल्ली जाने के बाद उसने कुछ समय तक मजदूरी की। लेकिन, शातिर और शौकीन मिजाज मनोज इतना नहीं कमा पाता था कि अपने महंगे शौक पूरे कर सके। वह कुछ नया करने की फिराक में था। इसी दौरान उसकी मुलाकात पश्चिम बंगाल के एहसान अहमद और उत्तर पश्चिमी दिल्ली के रहने वाले गौरव कुमार से हुई। इन दोनों के साथ मिलकर उसने गिरोह बना लिया और खुद उसका सरगना बन गया। कुछ ही दिनों में इन्होंने कई वारदात को अंजाम दिया।

ये तीनों फर्जी कागजात या दूसरों के पहचान पत्र से टिकट खरीद कर दिल्ली से ट्रेन में सवार होते थे। इसके बाद अपनी लच्छेदार बातों में फंसाकर यात्रियों से दोस्ती कर लेते। सफर में हुई इस यारी-दोस्ती का फायदा उठाकर वे यात्रियों को नशीला पदार्थ मिली कोई चीज खिला देते और यात्रियों के बेहोश होते ही उनका कीमती सामान लेकर चम्पत हो जाते। भागने में कोई हड़बड़ी नहीं करते बल्कि वारदात के बाद अगला स्टेशन आने पर आम यात्रियों की तरह ही इत्मीनान से बोगी से उतर जाते थे।

पार किए गये मोबाइल फोन और एटीएम कार्ड का या गिरोह भरपूर इस्तेमाल करता था। एटीएम में जाकर वे एटीएम कार्ड और मोबाइल फोन की मदद से कार्ड का पिन बदल लेते थे। इसके बाद रुपये निकाल जमकर खरीददारी करते और महंगे रेस्तरां में भोजन छकते। उनके पास से ऑनलाइन खरीदा गया काफी सामान भी बरामद हुआ है। जीआरपी के अनुसार इनके पास से जो 96 हजार रुपये बरामद हुए हैं, वे चोरी किए गए एटीएम कार्ड के जरिये निकाली गये थे।

एसपी जीआरपी अपर्णा सिंह ने बताया कि इस गिरोह के मास्टरमाइंड मनोज कुमार पर गंभीर धाराओं में करीब 15 मुकदमे पहले से दर्ज हैं।

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