BareilllyLive. बरेली के बाबा त्रिवटीनाथ मंदिर में शनिवार को संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा का शुभारम्भ हो गया। वृंदावन के कथाव्यास पं.सुरेश शास्त्री ने आज प्रथम दिवस कहा कि गंगा स्नान करके मनुष्य अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है। जिस तरह सिंह की गर्जना से जंगल के सभी पशु पक्षी दूर भाग जाते हैं। उसी तरह इस महाग्रंथ के श्रवण मात्र से प्राणी अपने सभी पापों से मुक्त होकर सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर सकता है।
कहा कि भक्ति के मार्ग को प्रशस्त करने के लिए ज्ञान तथा वैराग्य दोनों का संगम अति आवश्यक है। इसमें मुख्य बात यह है कि भक्ति का मार्ग भी बिना संत की कृपा नहीं मिल सकता। जब मनुष्य को कष्ट होता है तब वह भक्ति के मार्ग पर चलता है। परंतु श्रीमद् भागवत कथा में इतना सामर्थ है कि मनुष्य के सभी कष्टों का निवारण करके उसे प्रभु के समीप ले जाने का काम करती है।
कथा व्यास ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट हो जाते हैं। सोया हुआ ज्ञान वैराग्य कथा श्रवण से जाग्रत हो जाता है। कथा कल्पवृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। भागवत पुराण हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद् भागवत या केवल भागवतम् भी कहते हैं।
इसका मुख्य विषय भक्ति योग है, जिसमें श्रीकृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरूपण भी किया गया है। भगवान की विभिन्न कथाओं का सार श्रीमद् भागवत मोक्ष दायिनी है। इसके श्रवण से परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई और कलियुग में आज भी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिलते हैं। श्रीमदभागवत कथा सुनने से प्राणी को मुक्ति प्राप्त होती है।
इससे पूर्व मन्दिर सेवा समिति के प्रताप चंद्र सेठ तथा मीडिया प्रभारी संजीव औतार अग्रवाल ने पं.सुरेश शास्त्री का माल्यार्पण कर अभिनंदन एवं स्वागत किया। कथा के उपरांत वहां बड़ी संख्या में उपस्थित भक्तों श्री रामचरितमानस की आरती की तथा प्रसाद वितरण हुआ।