Health:शरीर की 95% इम्युनिटी आपका स्वस्थ पाचन तंत्र और हाईड्रेटिड और एल्कलाइन शरीर है जीवन के मुख्य अंगो की कार्यप्रणाली को विष और बाधा से मुक्त रखो बड़े से बड़ा और असाध्य रोग ठीक हो जाएगा।
कब्ज कोई बीमारी नहीं हमारे पाचन तंत्र को ओवरलोड कर क्षीण करने की अवस्था है जो देर रात खाने खूब चबाकर न खाने अधिक तलाभुना खाने गरिष्ठ भोजन से तथा अधिक मीठे और मैदे के भोजन करने से जाम हो गई आंतों की वजह से होता है। खाने में खूब सलाद लें जो अच्छे से चबा चबाकर खाना है जब तक लीवर आंतों पेट को आराम नहीं दोगे ये पाचन तंत्र खुद को कभी रिपेयर नहीं कर पाएगा ।
उपचार – सिर्फ और सिर्फ एक सुबह चाय बिल्कुल बंद,भूख से आधा खाओ लेकिन बहुत चबा चबाकर क्योंकि जिसने दांतों का काम आंतों से लिया उसका पाचनतंत्र विनाश तय है।खाने के साथ दूध या पानी बिलकुल मत पियो इससे पाचक रस घुलकर कमजोर हो जाते हैं और खाना लेट पचेगा।रात्रि भोजन न के बराबर करें कब्ज रोगी।आधा चम्मच त्रिफला लीजिए।सुबह थोड़ा व्यायाम अवश्य करें गुनगुना पानी पिएं।
शरीर में अम्ल और क्षार का संतुलन यानी बॉडी का पी एच लेवल जो शरीर को स्वस्थ रहने के लिए संतुलन बनाए रखने होते हैं जैसे ब्लड प्रेशर, ऑस्मॉसिस, पानी, और मिनरल्स का संतुलन।एक और महत्त्व संतुलन है एसिड और बेस अल्कली का संतुलन। एसिड-अल्कली का संतुलन शरीर में बेहद ज़रूरी है।
हमारे शरीर का सामान्य पीएच 7 से थोड़ा अधिक होना चाहिए अर्थात् थोड़े से अल्कलाइन वातावरण में हमारे सेल्स स्वस्थ रहकर अपना काम सही ढंग से करते हैं।लेकिन आजकल हम सभी के शरीर में एसिड बढ़ता जा रहा है। एसिड की बढ़ी हुई इस अवस्था को मेटाबॉलिक एसिडोसिस कहते हैं।
कोशिकाओं के आसपास बढ़ते इस एसिड के कारण वह कैंसर सेल्स में बदल सकती हैं। यानी जो कोशिकाएं एसिडिटी के माहौल में जीना सीख जाती हैं वो कैंसर सेल्स में बदलने लगती हैं।ब्लड में जब एसिड की मात्रा बढ़ती है तो ये कई तरह के ब्लॉकेज उत्पन्न करता है जो कि लकवा,वेरीकोस वेन्स और हार्ट अटैक जैसी समस्याएं उत्पन्न करते है।
बढ़े हुए एसिड को नियंत्रित करके इन समस्याओं से बचा जा सकता
वातावरण में ऑक्सीजन की कमी और कार्बन डाइ ऑक्साइड का स्तर बढ़ना क्योंकि सांस लेने पर यह बढ़ी हुई कार्बन डाइ ऑक्साइड रक्त के पीएच को कम कर देती है।शरीर से एसिड के उत्सर्जन का कार्य मुख्य रूप से फेफड़ों और किडनी का है, यदि यह दो अंग ठीक से काम नहीं करते हैं तो भी शरीर में एसिड का स्तर बढ़ जाता है। अत: मेटाबॉलिक एसिडोसिस के उपचार के समय इन दोनो अंगों का खास ख्याल रखना चाहिए।
भोजन में सब्ज़ियों, फ्रूट्स और मेवों की कमी और इसकी जगह नॉनवेज, शुगर, अल्कोहल, चाय, कॉफ़ी, रिफाइंड तेल और आटे का ज्यादा प्रयोग यह सभी मिलकर शरीर में एसिड की बढ़ोतरी करते हैं और इसी वजह कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।एसिड अधिक होने से अल्कलाइन मेटल्स जैसे पोटैशियम और मैग्नीशियम का स्तर खून में कम होना ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है।
एसिडिक वातावरण किडनी में स्टोन का निर्माण करता है, क्योंकि बढ़े हुए एसिड को कम करने के लिए उसे हड्डियों से कैल्शियम निकालना पड़ता है और यह कैल्शियम किडनी में जाकर जमा हो जाता है और पथरी या स्टोन्स बनाता है।हड्डियों से कैल्शियम के निकलने से वे कमज़ोर हो जाती हैं और यह ऑस्टियोपोरोसिस नामक रोग उत्पन्न करती हैं।एसिड बढ़ने से सेल्स जल्दी-जल्दी मरने लगते हैं, इसलिए बुढ़ापा शीघ्र आ जाता है।बाल जल्दी सफेद होने लगते हैं, झुर्रियां आने लगती हैं, इम्युनिटी कम होने लगती है और थकान भी जल्दी होने लगती है।एसिड दांत , मसूड़ों की तकलीफ भी बढ़ाते हैं, जिससे वे जल्दी खराब होने लगते हैं।
दिमाग की क्रियाविधि प्रभावित होना
एसिड बढ़ने से आरबीसीएस की ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता में कमी आ जाती है।कम ऑक्सीजन मिलने से दिमाग अपने कार्यों को करने में दिन प्रतिदिन कमजोर होता चला जाता है।ये उपाय अचानक हृदयाघात, कैंसर , असाध्य चर्मरोग या गंभीर रोगों से बचाव का ब्रह्मास्त्र है।
एक मुट्ठी हरा पत्ता :– पालक या बथुआ या चौलाई या मोरिंगा (सहजन) गेहूं ज्वारा या जिसका भी हरा साग बनाते हैं
एक मीठा फल :- सेब या अनार, या आम या अमरूद या मीठे अच्छे से धोएं एक मुट्ठी अंगूर या दो चीकू या नाशपाती या बबूगोसा
आधा मुठ्ठी भर धनिया आधा मुठ्ठीभर पुदीना
आधा मुठ्ठी भर कढ़ी पत्ता
एक टुकड़ा चुकंदर दो आंवले
एक टुकड़ा अदरक या कच्ची हल्दी
एक टमाटर एक खीरा
इन सबको थोड़ा पानी डालकर मिक्सर ग्राइंडर में अच्छे से पीस लीजिए
स्मूदी तैयार
समस्त जीवन अंगों :-
आंतों किडनी लीवर हृदय मस्तिष्क फेफड़ों के लिए जीवनदायिनी
हर रोग दोष विष स्वास्थ्य परेशानी में हर एक कोशिका को पोषण और आक्सीजन देने में इससे उत्तम उपाय न है दूसरा
एक नींबू निचोड़ सकते हैं चाहें तो
सुबह निराहार पिएं फिर एक घंटा कुछ भी खाना पीना नहीं
डॉ० जयवीर सिंह