Bareillylive : श्री हरि मंदिर मॉडल टाऊन बरेली में चल रही नौ दिवसीय श्री राम कथा के षष्ठम दिवस मंदिर प्रबंध समिति सचिव रवि छाबड़ा एवं अन्य सदस्यों द्वारा दीप प्रज्वलित कर एवं कथा व्यास हनुमत कृपा प्राप्त सन्त पंडित श्री बृजेश पाठक जी का समिति की तरफ से माल्यार्पण कर आज की श्री राम कथा की शुरुआत हुई। छठे दिन कथा व्यास पंडित बृजेश पाठक ने कहा जब भगवान का भक्त भगवत -आराधना के बदले में भगवान से कुछ नहीं चाहता तब भगवान कृपा पूर्वक उसे अपनी भक्ति प्रदान करते हैं ! रामायण में वर्णन आता है जब केवट ने भगवान राम को गंगा के पार किया तब प्रभु राम ने उसे मजदूरी देना चाह पर केवट ने हाथ जोड़ लिए और कहां मेरी मजदूरी तो मुझे मिल गई! श्री राम ने पूछा वह कैसे ?केवट ने कहा प्रभु आपके परम पावन चरण पाने के लिए ऋषि मुनि अनेक प्रयत्न करते हैं फिर भी आपके चरणों की प्राप्ति नहीं होती, आपने वही चरण कृपा पूर्वक मुझे प्रदान कर दिए, अब मुझे क्या पाना बाकी रह गया !
प्रभु राम ने बहुत कहा पर निष्काम भक्त केवट ने कुछ नहीं लिया और तब प्रभु राम ने केवट को अपनी विमल भक्ति देकर के विदा किया! आप देखें रामायण में सभी भक्त भगवान की भक्ति मांगते हैं केवल केवट ही ऐसा भक्त है जिसे प्रभु राम ने बिना मांगे ही अपनी भक्ति प्रदान की! निष्काम भक्ति, निष्काम सेवा भगवान को ऋणी बना लेती है ! इसीलिए भगवान के भक्त अपनी सेवा पूजा के बदले में भगवान से कुछ नहीं चाहते क्योंकि जिसे भगवान की भक्ति मिल जाती है उसे फिर जीवन में कुछ भी पाना शेष नहीं रह जाता! भक्ति की बहुत बड़ी महिमा है और वह भक्ति निष्कामता से प्राप्त होती है!
मंदिर सचिव रवि छाबड़ा ने बताया कि कथा व्यास श्री बृजेश पाठक जी लगभग पिछले 35 वर्षों से श्री हरि मंदिर बरेली में जून के महीने में कथा का व्याख्यान करते है , यह हम सब बरेली वालों का परम सौभाग्य है कि महाराज जी प्रत्येक वर्ष यहां पधारने की स्वीकृति दे कर हम सब को धन्य करते है। कथा प्रत्येक दिन 9 जून तक शाम को 8 बजे से 9.15 बजे तक होगी।कथा के समापन पर सभी भक्तों में भंडारा का प्रसाद वितरित किया गया। आज की कथा में मुख्य रूप से सुशील अरोरा, रवि छाबड़ा, संजय आनन्द, गोविंद तनेजा, रंजन कुमार, जतिन दुआ, हरीश लुनियाल आदि उपस्थित रहे।