Bareillylive : समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शुमार छोटे लोहिया के नाम से प्रख्यात जनेश्वर मिश्र की आज समाजवादी पार्टी, बरेली कार्यालय पर 92 वीं जयंती मनाई गईं।इस दौरान सपा नेताओं ने श्रद्धेय जनेश्वर मिश्र जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। कार्यक्रम के तहत विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप ने व संचालन महासचिव पंडित दीपक शर्मा ने किया। इस अवसर पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए जिलाध्यक्ष शिव चरन कश्यप ने कहा समाजवादी विचारधारा के प्रति उनके दृढ निष्ठा के कारण वे ‘छोटे लोहिया के नाम से प्रसिद्ध थे। वे कई बार लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य रहे। उन्होंने मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चन्द्रशेखर, एच डी देवगौड़ा और इंद्रकुमार गुज़राल के मंत्रिमण्डलों में काम किया। सात बार केन्द्रीय मंत्री रहने के बाद भी उनके पास न अपनी गाड़ी थी और न ही बंगला था। लखनऊ में एशिया का सबसे बड़ा सुन्दर पार्क सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के प्रेरणा से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा निर्माण कराया गया।
महानगर अध्यक्ष शमीम खाँ सुल्तानी ने छोटे लोहिया के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जनेश्वर मिश्र का जन्म 5 अगस्त 1933 को बलिया के शुभनथीं के गांव में हुआ था। उनके पिता रंजीत मिश्र किसान थे। बलिया में प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद 1953 में इलाहाबाद पहुंचे जो उनका कार्यक्षेत्र रहा। जनेश्वर जी समाजवादी आंदोलन में इतना रम गए कि उन्हें लोग ‘छोटे लोहिया’ के तौर पर ही जानने लगे। उन्होंने इलाहाबाद विश्व विद्यालय में स्नातक कला वर्ग में प्रवेश लेकर हिन्दू हास्टल में रहकर पढ़ाई शुरू की और जल्दी ही छात्र राजनीति से जुड़ गये। छात्रों के मुद्दे पर उन्होंने कई आंदोलन छेड़े जिसमें छात्रों ने उनका बढ़-चढ़ कर साथ दिया। 1967 में उनका राजनैतिक सफर शुरू हुआ। यह जेल में थे तभी लोकसभा का चुनाव आ गया। वे फूलपुर से विजयलक्ष्मी पंडित के खिलाफ चुनाव लड़े किंतु चुनाव में सात दिन ही बाकी थे तब उन्हें जेल से रिहा किया गया। चुनाव में जनेश्वर जी को हार का सामना करना पड़ा, इसके बाद विजय लक्ष्मी पंडित राजदूत बनीं तो फूलपुर सीट पर 1969 में उपचुनाव हुआ तो जनेश्वर मिश्र सोशलिस्ट पार्टी से मैदान में उतरे और जीते। उन्होंने 1972 के चुनाव में यहीं से कमला बहुगुणा को और 1974 में इंदिरा गांधी के अधिवक्ता रहे सतीश चंद्र खरे को हराया। इसके बाद 1978 में जनता पार्टी के टिकट से इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे और विश्वनाथ प्रताप सिंह को भी पराजित किया, जनेश्वर मिश्र 7 बार केंद्रीय मंत्री रहें लेकिन उन्होंने अपना पूरा जीवन सादा जीवन उच्च विचार के रूप में काटा। उनके जीवन से हमें उनकी शिक्षाओं को आत्मसात करना होगा।
इस अवसर पर बाबा साहब अम्बेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सोनकर, महानगर महासचिव पंडित दीपक शर्मा, उपाध्यक्ष दिनेश यादव व गोविन्द सैनी, अमित राज सिंह, ब्रजेश श्रीवास्तव, मोहित भरद्वाज, असलम खान, परवेज यार खान, शरद यादव, महेन्द्र राजपूत, छेदा लाल लोधी, बलराम यादव, अनूप सागर, महेश यादव, हरिओम प्रजापति, सरदार, खालिद राणा, ऋषि यादव, पीतांबर सिंह, सुरेन्द्र भाटिया, संजीव कश्यप, अनुज मौर्या, यशवीर यादव, प्रमोद अग्रवाल आदि प्रमुख सपाई विचार गोष्ठी में मौजूद रहे।
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