देहरादून। उत्तराखंड के चार धामों में से तीन बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में श्रद्धालु गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर सकेंगे और दूर से ही दर्शन करने होंगे। इन तीनों जगह भी फिलहाल स्थानीय श्रद्धालुओं को ही दर्शन की अनुमति मिली है। केदारनाथ धाम में अभी तक किसी को भी दर्शन की अनुमति नहीं है। प्रशासन ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। गौरतलब है कि बीते 8 जून को यात्रा शुरू करने को लेकर हुई बैठकों में 30 जून से पहले चार धाम यात्रा शुरू करने का पुरजोर विरोध हुआ था।
नए आदेश के अनुसार, गंगोत्री और यमुनोत्री में स्थानीय लोग दूर से दर्शन कर सकेंगे। पुजारी न टीका लगाएंगे और न ही संकल्प कराएंगे। बदरीनाथ में श्रद्धालु सिंह द्वार के अंदर मुख्य द्वार के मचान से ही भगवान के दर्शन कर सकेंगे। रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने स्पष्ट आदेश कर दिया है कि केदारनाथ मंदिर परिसर और गर्भ गृह में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। अभी धाम में जाने के लिए पास सिर्फ यात्रा तैयारियों से जुड़े लोगों को ही मिलेंगे। उन्हें भी मंदिर परिसर और गर्भ गृह में प्रवेश की मंजूरी नहीं होगी।
गंगोत्री मंदिर समिति के सह सचिव राजेश सेमवाल ने कहा कि जब तक कोरोना वायरस संक्रमण पूरी तरह समाप्त नहीं होता, मंदिर परिसर में किसी भी यात्री, श्रद्धालु, पर्यटक को किसी भी प्रकार से नजदीक से दर्शन की अनुमति नहीं होगी। एसडीएम ऊखीमठ स्थानीय लोगों को पास जारी करेंगे। श्रद्दालुओं ती स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्क्रीनिंग होगी। सोनप्रयाग में तहसीलदार, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की तैनाती और यात्रियों का ब्योरा रहेगा। किसी भी कंटेंनमेंट जोन से आने वाले लोगों, बीमार लोगों, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और 60 वर्ष से अधिक आयु वालों को यात्रा की अनुमति नहीं होगी। रुद्रप्रयाग जिले के ऐसे व्यक्ति जिन्होंने बाहरी जिलों की यात्रा के बाद क्वारंटाइन समय पूरा नहीं किया है, उन्हें भी दर्शन की अनुमति नहीं मिलेगी।
बदरीनाथ में सिर्फ ये लोग ही कर सकेंगे दर्शन
जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने बताया कि बामणी, माणा और बदरीनाथ नगरपंचायत के लोग ही बदरीनाथ में भगवान के दर्शन कर सकेंगे।