बीजिंग। (China claims Russia’s city of Vladivostok) भारत, जापान भूटान, फिलीपींस, मलेशिया, इंडोनेशिया आदि की जमीन के विभिन्न हिस्सों पर अपना दावा करता रहा “अंतरराष्ट्रीय भू-माफिया” चीन अब जमीन को लेकर रूस से उलझ गया है। दूसरे देशों की जमीन को देखकर जीभ लपलपाते रहने वाला ड्रैगन रूस के शहर व्लादिवोस्तोक को अपना बता रहा है। इसी के साथ दुनिया में तनाव का एक और क्षेत्र बनने का खतरा उत्पन्न हो गया है क्योंकि हाल के दिनों में रूस के साथ चीन के संबंधों में खटास आई है।
चीन के सरकारी समाचार चैनल सीजीटीएन के संपादक शेन सिवई ने दावा किया कि रूस का व्लादिवोस्तोक शहर 1860 से पहले चीन का हिस्सा था। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि इस शहर को पहले हैशेनवाई के नाम से जाना जाता था जिसे रूस ने एकतरफा संधि के तहत चीन से छीन लिया था।
चीन में सभा मीडिया संगठन हैं सरकारी हैं। इनको चलाने वाले लोग वही लिखते, बोलते और दिखाते हैं जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी या चीन की सरकार कहती है। दरअसल चीनी मीडिया वहां की सरकार के भौंपू की तरह काम करता है। सरकार के बहुत से मामले वहां का मीडिया ही लिखता और दिखाता है। इसे यूं भी कह सकते हैं कि चीन का मीडिया वहां के सरकार के सोच को दर्शाता है। ऐसी स्थिति में शेन सिवई का ट्वीट अहम हो जाता है।
रूस ने कुछ दिन पहले ही चीन की खुफिया एजेंसी पर पनडुब्बी से जुड़ी टॉप सीक्रेट फाइल चुराने का आरोप लगाया था। इस मामले में रूस ने अपने एक नागरिक को गिरफ्तार भी किया जिसपर देश द्रोह का आरोप लगाया गया है। आरोपित रूसी सरकार में बड़े पद पर था जिसने इस फाइल को चीन को सौंपा था।
एशिया में चीन की विस्तारवादी नीतियों से भारत को सबसे ज्यादा खतरा है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण लद्दाख में चीनी फौज के जमावड़े से मिल रहा है। इसके अलावा चीन और जापान में भी पूर्वी चीन सागर में स्थित द्वीपों को लेकर तनाव चरम पर है। हाल में ही जापान ने एक चीनी पनडुब्बी को अपने जलक्षेत्र से खदेड़ा था। चीन कई बार ताइवान पर भी खुलेआम सेना के इस्तेमाल की धमकी दे चुका है। इन दिनों चीनी फाइटर जेट्स ने भी कई बार ताइवान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है। चीन का फिलीपींस, मलेशिया, इंडोनेशिया, भूटान के साथ भी जमीन को लेकर विवाद है
रूस के उत्तर पूर्व में स्थित व्हादिवोस्तोक शहर प्रिमोर्स्की क्राय राज्य की राजधानी और प्रशांत महासागर में तैनात रूसी बेड़े का प्रमुख बेस है। सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण यह शहर चीन और उत्तर कोरिया की सीमा के नजदीक स्थित है। व्यापारिक और ऐतिहासिक रूप से भी व्लादिवोस्तोक रूस का सबसे अहम शहर है। रूस से होने वाले व्यापार का अधिकांश हिस्सा इसी बंदरगाह से होकर जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध मे भी यहां जर्मनी और रूस की सेनाओं के बीच भीषण युद्ध हुआ था।
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