नई दिल्ली। ऐसे कठिन समय में जब सारी दुनिया कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही है , चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। कुछ दिनों पहले खबर आयी थी कि समंदर में उसकी हरकतों से नाराज होकर जापानी युद्धक जहाजों ने उसके जहाजों को खदेड़ दिया। इसके बाद हाल ही में उत्तरी सिक्किम में सीमा पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प हुई जिसमें दोनों पक्षों के कई सैनिक घायल हुए थे। अब खबर आयी है कि पिछले सप्ताह लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी- LAC) पर चीनी लड़ाकू हेलीकॉप्टर उड़ते हुए दिखाई दिए जिसकी जानकारी मिलते ही भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने वहां पैट्रोलिंग शुरू कर दी। अतीत में कई मौकों पर चीनी सैन्य हेलीकॉप्टरों ने लद्दाख सेक्टर में भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया है।

सूत्रों के अनुसार यह घटना पिछले हफ्ते लगभग उसी समय घटी जब चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच सिक्किम में झड़प हुई थी। एक अधिकारी ने बताया, , “चीनी सैन्य हेलीकॉप्टर वास्तविक नियंत्रण रेखा के बहुत करीब से उड़ान भर रहे थे। उनके विमानों की गतिविधि पता चलने के बाद भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान ने क्षेत्र में गश्त लगाई।” नाम न जाहिर करने की शर्त पर सरकारी सूत्रों ने बताया कि चीनी हेलीकॉप्टर वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार करके भारतीय क्षेत्र में नहीं आए। भारतीय वायुसेना अक्सर अपने सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमानों समेत अन्य विमानों के साथ लद्दाख के लेह हवाई अड्डे से उड़ान भरती है।

भारतीय वायुसेना के लेह और थोईस एयरबेस सहित लद्दाख क्षेत्र में दो एयरबेस हैं जहां लड़ाकू विमान स्थायी रूप से तैनात नहीं हैं लेकिन लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन की एक टुकड़ी साल भर यहां परिचालन की स्थिति में रहती है।

भारतीय सेना के एक सूत्र के अनुसार पांच और छह मई को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में और 10 मई को उत्तरी सिक्किम नाकु ला सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों का  आमना-सामना हुआ था। हालांकि इस मामले का दोनों पक्षों के बीच स्थानीय स्तर पर हल कर लिया गया  सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हुई। इस क्षेत्र में सड़क परिवहन की कोई सुविधा नहीं है और हेलीकॉप्टर सेवाओं के माध्यम से इसका रख-रखाव किया जाता है। सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों की सेनाओं द्वारा नियमित गश्त के दौरान यह झड़प हुई और इसके बाद स्थानीय स्तर पर इस मामले को सुलझा लिया गया था।

यह पहली बार नहीं है, जब भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच सीमा पर इस तरह के टकराव हुए हैं। अगस्त 2017 में  भारतीय और चीनी सैनिकों ने एक-दूसरे पर पत्थर फेंके थे और लद्दाख में पैंगॉन्ग झील के पास मारपीट हुई थी। इस झड़प ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया था क्योंकि यह उस समय हुआ था जब सिक्किम में डोकलाम क्षेत्र को लेकर गतिरोध बना हुआ था।

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