नई दिल्ली। निःसंदेह अनाज मनुष्य के भोजन का अहम हिस्सा हैं पर यदि खान-पान में संतुलन न रखा जाये तो फिर ईश्वर भी हमारी मदद नहीं कर सकता। और भोजन में यह संतुलन आता है फलों और सब्जियों से। एक अध्ययन में यह साबित हुआ है कि फल और सब्जियां हमारे आहार के लिए जरूरी घटक हैं जो उन बीमारियों से होने वाली मौत को रोकने में प्रभावी साबित हो सकती हैं जिनका इलाज संभव है।
खानपान मे लापरवाही और मौसम के अनुरूप फल-सब्जियां न खाने की वजह से फिलहाल तो हालत बेहद खराब हैं। पर्याप्त मात्रा में सब्जी और फल नहीं खाने की वजह से हर साल दुनियाभर में लाखों लोग हृदय और आघात संबंधी बीमारियों की वजह से मौत का शिकार हो जाते हैं। एक अध्ययन में यह पता चला है कि हृदय संबंधी बीमारी से होने वाले मौत के मामले में सात में से एक व्यक्ति की मौत पर्याप्त मात्रा में फल नहीं खाने और 12 में से एक व्यक्ति की मौत पर्याप्त मात्रा में सब्जी नहीं खाने के कारण होती है।
अमेरिका के टुफ्ट्स विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि पर्याप्त मात्रा में फल नहीं खाने की वजह से 2010 में 18 लाख लोगों की मौत हुई जबकि 10 लाख लोगों की मौत पर्याप्त मात्रा में शाक-सब्जी नहीं खाने के कारण हुई। अनुसंधानकर्ता विक्टोरिया मिलर के अनुसार फल और सब्जियां हमारे आहार के लिए उतना ही जरूरी हैं जितना अनाज। फल-सब्जियां न केवल भरपूर पोषण देते हैं बल्कि पोषक तत्वों की कमी के चलते होने वाली बीमारियों से भी बचती हैं।
डाइटीशियन जी. विशाल ने बताया कि अनाज, शाक-सब्जियां और फल मनुष्य का स्वाभाविक भोजन हैं। लेकिन, फल-सब्जियों का सेवन मौसमी पैदावार के अनुसार ही करें तो बेहतर है। प्रकृति ने स्थान विशेष के मौसम के अनुसार फल-सब्जियों की पैदावार की व्यवस्था की है। उदाहरण के लिए उत्तर भारत में गर्मी के मौसम लौकी, परवल, तुरई, खीरा, खरबूजा, तरबूज की भरपूर पैदावार होती है। ये सभी फल-सब्जियां न केवल आसानी से हजम हो जाती हैं बल्कि मई-जून के गर्म महीनों में शरीर में पानी और मिनरल्स की कमी को भी दूर करती हैं। इसी प्रकार उत्तर भारत में सर्दी के मौसम में गाजर, चुकंदर, मटर, मूली, सरसों, लाही, सफेद प्याज, गोभी, पत्तागोभी, अमरूद, केला, अदरक, लहसुन, नींबू, बंडा, अरबी आदि की भरपूर पैदावार होती है। ये सभी फल-सब्जियां सर्दी के मौसम में लाभदायक हैं। जी. विशाल साथ ही चेतावनी भी देते हैं कि किसी भी फल-सब्जी का सेवन उचित मात्रा में ही करें क्योंकि किसी भी चीज का सेवन ज्यादा सेवन लाभ के बजाय नुकसान ही करता है, फिर चाहे वे परवल और अदरक ही क्यों न हों।
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