नयी दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में अर्थव्यवस्था के आधुनिकीकरण और उसको गति देने के लिए कई घोषणाएं की गयी हैं। मंगलवार को संसद में पेश किए गये बजट में इसी साल डिजिटल करेंसी लॉंच करना, डाकघरों में भी एटीएम लगाना तथा ई पासपोर्ट जारी करना जैसी घोषणाएं शामिल हैं।
इसी साल लॉन्च होगी डिजिटल करेंसी: ब्लॉकचेन और अन्य टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए इसी साल आरबीआई डिजिटल रुपया जारी करेगी। इससे इकोनॉमी को बहुत अधिक बढ़ावा मिलेगा।
निवेश के लिए 7.55 लाख करोड़: पूंजी निवेश से रोजगार बढ़ाने में बड़े उद्योगों और MSME दोनों से मदद मिलती है। महामारी के असर से बाहर निकलने के लिए यह जरूरी है। निजी निवेशकों की क्षमता बढ़ाई जाएगी। इसके लिए केंद्रीय बजट में 5.54 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 7.55 लाख करोड़ का प्रावधान कर दिया गया है। क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए सॉवेरन ग्रीन बॉन्ड्स जारी किए जाएंगे। इससे मिलने वाली रकम को ऐसे प्रोजेक्ट्स में लगाया जाएगा, जो कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में मददगार होंगे। सेमी कंडक्टर निर्माण के लिए इंडस्ट्री डेवलप की जाएगी। इससे निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।
गेमिंग और एनिमेशन बनेंगे इकोनॉमी का हिस्सा: एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्, गेमिंग और कॉमिक्स यानी AVGC सेक्टर में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। ऐसे में AVGC प्रमोशन टास्क फोर्स इससे जुड़े सभी स्टाक होल्डर्स के साथ बातचीत करेगी। ऐसे रास्ते तलाशेगी जिससे हमारी घरेलू क्षमता के जरिए हम अपने बाजार और ग्लोबल मार्केट की जरूरतें पूरी कर सकें।
रोजगार और गरीबों के लिए ऐलान: PM गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत एक्सप्रेसवे बनेंगे। नेशनल हाईवे नेटवर्क 25 हजार किमी तक बढ़ाया जाएगा। इस मिशन के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। हमारी कोशिश 60 लाख नए रोजगार का सृजन करने की होगी। गरीबों के लिए 80 लाख घर बनाए जाएंगे। 48000 करोड़ रुपये इसका बजट है। 2022-23 में ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे, जिनमें चिप लगी होगी। विदेश जाने वालों को सहूलियत होगी। डाकघरों में भी अब एटीएम मिलेंगे।
एमएसएमई को 6 हजार करोड़: MSME को मजबूत करने के लिए नई योजनाएं शुरू होंगी। 5 साल में 6000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। उदयम, ई-श्रम, NCS और असीम पोर्टल आपस में जुड़ेंगे। इससे इनकी संभावनाएं और ज्यादा बढ़ेंगी। अब ये लाइव ऑर्गेनिक डेटाबेस के साथ काम करने वाले प्लेटफॉर्म होंगे। इनसे क्रेडिट सुविधाएं मिलेंगी और आंत्रप्रेन्योरशिप के लिए संभावनाएं बनेंगी।
पीएम ई-विद्या प्रोग्राम का दायरा बढ़ा: महामारी के दौरान स्कूल बंद रहने से गांव के बच्चों को दो साल शिक्षा से वंचित रहना पड़ा। पीएम ई-विद्या के तहत ऐसे बच्चों के लिए एक क्लास-एक टीवी चैनल प्रोग्राम के तहत अब चैनल 12 से बढ़ाकर 200 कर दिए जाएंगे। ये चैनल क्षेत्रीय भाषाओं में होंगे। व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तकनीक की मदद ली जाएगी। एक डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी।