नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2021-22 और उसके बाद के वर्षों में भविष्य निधि खाते (provident fund accounts) के भीतर अलग-अलग अकाउंट होंगे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।नोटिफिकेशन के मुताबिक पीएफ पर मिलने वाले ब्याज की गणना के लिए पीएफ अकाउंट में ही एक अलग अकाउंट खुलेगा। नए नोटिफिकेशन के बाद सभी मौजूदा कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खातों को कर योग्य और गैर-कर योग्य योगदान खातों में विभाजित किया जाएगा।
नोटिफिकेशन के मुताबिक, 31 मार्च 2021 तक किसी भी योगदान यानी कंट्रीब्यूशन पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 के बाद पीएफ खातों पर मिलने वाला ब्याज कर योग्य होगा और उसकी गणना अलग-अलग की जाएगी। नए नियम 1 अप्रैल 2022 से लागू होंगे लेकिन वित्त वर्ष 2021-22 तक अगर आपके खाते में सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा जमा होता है तो उस पर मिलने वाला ब्याज कर योग्य होगा और उस पर आपको टैक्स देना होगा। इस ब्याज की जानकारी लोगों को अगले साल के इनकम टैक्स रिटर्न में देनी होगी.।