मिलावटी ईंधन का बढ़ता असर आपकी जेब और सेहत पर !मिलावटी ईंधन का बढ़ता असर आपकी जेब और सेहत पर !

नयी दिल्ली :  (Fuel Buddy Home Delivery) भारत में बढ़ती गर्मी सीधे-सीधे बिजली की आपूर्ति को बाधित करती है और आपके पास विकल्प के रूप मे  डीजल जेनरेटर इस्तेमाल करने के अलावा कोई भी दूसरा साधन आसानी से उपलब्ध नहीं होता है। इसे संचालित करने के लिए लोग डीजल किसी स्थानीय वेंडर से मंगवाते हैं जो डीजल के दाम के साथ ही कुछ डिलीवरी शुल्क लेकर उसको आपके घर पर ही उपलब्ध करा देता है।

भारत मे हर एक पेट्रोल पंप पर गुणवत्ता और मात्रा जांचने की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान पेट्रोलियम कंपनियां आपको अपने हर एक  रिटेल आउटलेट में ये सुविधाएं देती भी है पर आप याद करें कि आख़िरी बार आपने कब इन सुविधाओं का उपयोग किया था?  ज़्यादातर लोग यही कहेंगे कि उन्होंने कभी भी ऐसा नहीं किया। तो ऐसे में आप कैसे सोचते हैं कि आप अपने घर, फैक्टरी, खेतों अथवा अन्य जगहों पर जो भी डीजल मंगवाते हैं, वह आपको सही मात्रा और गुणवत्ता का मिल रहा है।

क्या आपने कभी यह सोचा है कि नकली और कम मात्रा का डीजल आपकी जेब और सेहत में कितनी चोट लगाता है। इसे जानने के लिए हमने बात की तपेश तिवारी से जो इसी समस्या का समाधान भारतीय अपभोक्ताओं को देने का प्रयास कर रहे हैं। तपेश कई इंटरनेट उपभोक्ता कंपनियों के संग जुड़े रहे हैं और आजकल फ्यूल बडी (Fuel Buddy) स्टार्टअप में वाइस प्रेसिडेंट हैं।

उन्होंने बताया कि खराब डीजल के कारण न केवल आपके उपकरण की क्षमता और कामकाजी कार्यकाल प्रभावित होता है बल्कि उसके रख-रखाव का खर्च भी बढ़ जाता है। आप अगर इसे सही कैलक्युलेट करें तो पता चलेगा कि आप जितने पैसे बचा नहीं रहे होते हैं, उससे कई गुना ज़्यादा का नुकसान आपको हो रहा होता है।

तपेश तिवारी ने सुझाव दिया कि अगर आप अपने घर में भी डीजल जेनरेटर का इस्तेमाल करते हैं तो अज्ञात स्रोत से डीजल लेना तुरंत प्रभाव से बंद कर दें क्योंकि मिलावटी डीजल से निकलने वाली गैसें और कार्बन पार्टिकल बहुत ज़्यादा होते हैं जो आपकी और आपके परिवार की सेहत को प्रभावित करते हैं। इनके कारण होने वाले नुकसान के चलते  दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा की कई हाउसिंग सोसाइटीज में प्रदूषण का स्तर औद्योगिक क्षेत्रों में होने वाले प्रदूषण के बराबर पहुंच गया है।

तपेश ने बताया भारत सरकार ने 2017-18 में डीजल वितरण के नियमों मे  बदलाव करके डीजल वितरण के लिए लाइसेन्स देना शुरू किया था। इसके पीछे सरकार का मकसद डीजल की सही गुणवत्ता और मात्रा उपभोक्ताओं तक पहुंचाना था। दुर्भाग्यवश अधिकतर बड़ी कंपनियां ही आज तक यह काम कर रही थीं जो अक्सर छोटी मात्रा मांगने वाले उपभोक्ताओं के पास नहीं पहुँच पाती थीँ। ऐसे मे बिना लाइसेन्स वाले विक्रेताओं से डीजल लेना छोटे उपभोक्ताओं की मजबूरी थी।

तपेश ने बताया कि उनकी कंपनी इसी समस्या के समाधान की दिशा में काम कर रही है। उनकी टीम टेक्नॉलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स, जी॰आई॰एस॰ और डेटा विज्ञान का इस्तमाल करके कम से कम मात्रा जैसे की 20 लीटर डीजल को भी सुलभता से गाहकों को उपलब्ध कराने पर काम कर रही है। उनकी टीम का उद्देश्य ग्राहकों को डीजल उनके बतायी गई जगह पर उसी सुलभता और सेवा भाव से पहुंचाना है जिन मानकों के साथ अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनिया आपके घरों तक आपकी ज़रूरत का सारा समान उपलब्ध करा रही हैं।

तपेश ने ये भी बताया कि डीजल वितरण के लिए अधिकृत कंपनियों को डिलीवरी के समय ग्राहक वे सारे गुणवत्ता और मात्रा के टेस्ट उपलब्ध कराने होते हैं जो ग्राहक किसी भी अधिकृत पेट्रोल पंप में कर सकता है! ऐसा करके वह ना केवल अपनी जेब बल्कि अपनी और अपने परिवार की सेहत का ख्याल भी रख सकता है।

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