नई दिल्ली। स्वदेशी के मोर्चे पर यह गौरव की अनुभूति कराने वाली खबर है। कई बहुराष्ट्रीय फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) कंपनियों को मात देते हुए पारले प्रोडेक्ट (Parle Products) एफएमसीजी (FMCG) सूची में टॉप पर है। 5,715 (मिलियन) के सीआरपी स्कोर के साथ पारले लगातार 9वें साल रिकॉर्ड के साथ टॉप पर है। यानी डंका घरेलू खाद्य कंपनी का ही बज रहा है।

मार्केटिंग रिसर्च फर्म कांतार की ब्रांड फुटप्रिंट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। कांतार इंडिया ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि पारले प्रोडक्ट्स कंज्यूमर रीच पॉइंट्स (CRPs) के आधार पर सबसे ज्यादा चुने गए FMCG ब्रांड के रूप में इस साल की रैंकिंग में सबसे आगे हैं।

सीआरपी उपभोक्ताओं की ओर से की गई वास्तविक खरीद और एक कैलेंडर वर्ष में इन खरीदारी की फ्रीक्वेंसी पर कंसीडर करता है। इसके बाद अमूल, ब्रिटानिया, क्लिनिक प्लस और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, COVID-19 महामारी से खरीदारी प्रभावित हुई, क्योंकि किराने का सामान खरीदने के लिए की गई औसत यात्राएं कम हो गईं लेकिन 2020 में प्रति ट्रिप अधिक खरीदारी दर्ज की गई। खरीदारी की फ्रीक्वेंसी में एक प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, लेकिन प्रति यात्रा खर्च में पांच फीसद की वृद्धि हुई। इसके परिणामस्वरूप 2019 (72 प्रतिशत) की तुलना में सीआरपी के मामले में कम संख्या में ब्रांड (50 प्रतिशत) बढ़ रहे हैं।

स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए जाने जाने वाले डेटॉल ने एक वर्ष में आश्चर्यजनक रूप से सीआरपी में 48 प्रतिशत की वृद्धि की और टॉप के 25 ब्रांड सूची में शामिल हो गया। बयान के मुताबिक, डेटॉल के बाद लाइफबॉय 25 फीसद सीआरपी की वृद्धि के साथ, विम 21 फीसद सीआरपी (1454 मिलियन), डाबर 14 फीसद सीआरपी (1458 मिलियन) और ब्रिटानिया 11 फीसद सीआरपी (4694 मिलियन) पर था। कुल मिलाकर सीआरपी 86 अरब से बढ़कर 89 अरब हो गया है। हालांकि, 2019 में विकास दर 18 फीसद से घटकर 4 फीसद पर आ गई है।

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