नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर धीमी पड़ने के साथ ही देश अब धीरे-धीरे स्कूल खुलने की दिशा में बढ़ता लग रहा है। आईसीएमआर (Indian council of medical research) ने कहा है कि पहले प्राइमरी स्कूल खोले जा सकते हैं और फिर सेकंडरी स्कूल खोले जाने चाहिए। हालांकि यह फैसला जिला और राज्य स्तर पर लिया जाएगा और कई फैक्टर्स पर निर्भर करेगा।

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने मंगलवार को कहा कि छोटे बच्चे वायरस को आसानी से हैंडल कर लेते हैं। उनके फेफड़ों (lungs) में वे रिसेप्टर कम होते हैं जहां वायरस जाता है। सीरो सर्वे में देखा गया है कि 6 से 9 साल के बच्चों में लगभग उतनी ही एंटीबॉडी दिखी जितनी बड़ों में है।

भारत में 6 वर्ष से अधिक आयु की जनसंख्या के 67.6 प्रतिशत हिस्से में जून-जुलाई में आईसीएमआर के नवीनतम राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण में सार्स-सीओवी-2 एंटीबॉडी पाई गई। सर्वेक्षण में शामिल किए गए स्वास्थ्य कर्मियों में 85 प्रतिशत में सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई, जबकि स्वास्थ्य कर्मियों में 10 प्रतिशत को अब तक टीका नहीं लगा है। सरकार ने यह जानकारी दी है।

डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि यह राष्ट्रीय सीरो सर्वे 21 राज्यों के 70 ज़िलों में आयोजित किया गया। इसमें 6-17 वर्ष की आयु के बच्चे शामिल थे। सर्वे का निष्कर्ष बताते हुए उन्होंने कहा कि पहले प्राइमरी स्कूल खोले जा सकते हैं, इसके बाद सेकंडरी स्कूल खोले जा सकते हैं। मगर, यह देखना जरूरी है कि शिक्षकों से लेकर सभी सपोर्ट स्टाफ पूरी तरह वैक्सिनेटेड हो। हालांकि यह फैसला जिला और राज्य स्तर पर लिया जाएगा। यह कई फैक्टर पर निर्भर होगा। स्कूल से जुड़े सभी लोगों को वैक्सीन लगाना सुनिश्चत करना होगा, वहां टेस्ट पॉजिटिविटी रेट क्या है और पब्किल हेल्थ सिचुएशन क्या है, इसपर भी ध्यान देना होगा।

गौरतलब है की एम्स, नई दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी सोमवार को सलाह दी थी कि जिन जिलों में कोरोना का संक्रमण कम हो गया है, वहां पर अलग-अलग चरणों में स्कूल खोले जा सकते हैं। डॉ. गुलेरिया ने कहा था कि 5 प्रतिशत से कम संक्रमण दर वाले जिलों में स्कूलों को खोलने की योजना बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूलों में लाने का विकल्प तलाशना चाहिए। उनका यह भी कहना था कि बच्चों ने भी इस वायरस के खिलाफ अच्छी इम्युनिटी हासिल कर ली है।

राज्यों, प्राइवेट अस्पतालों के पास टीके की 2.11 करोड़ से अधिक खुराक उपलब्ध

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि राज्यों, केंद्र शासित प्रदशों और निजी अस्पतालों के पास इस्तेमाल नहीं की गई कोविड-19 रोधी टीके की 2.11 करोड़ से अधिक खुराक उपलब्ध हैं। मंत्रालय ने बताया कि सभी स्रोतों के माध्यम से अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीके की 42.15 करोड़ (42,15,43,730) से अधिक खुराकें मुहैया करायी गयी हैं। इसके अलावा 71,40,000 और खुराक की आपूर्ति की जा रही हैं।

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