नई दिल्ली। तमाम विरोध के बीच नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) देशभर में लागू हो गया है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को इसका गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया। गौरतलब है कि नागरिकता केंद्र सरकार का विषय है और कोई भी राज्य सीएए को लागू करने से मना नहीं कर सकता। ऐसा करने वाली राज्य सरकार के खिलाफ केंद्र सरकार सख्त कार्रवाई कर सकती है।

यह कानून तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान से भारत आने वाले छह धार्मिक आल्पसंख्यक समूहों हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, जैन और ईसाइयों के लिए भारत की नागरिकता मिलने के रास्ते खोलता है लेकिन मुसलमानों को इस विधेयक के दायरे से बाहर रखा गया है। केंद्र सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि यह नागरिकता देने वाला कानून है, लेने वाला नहीं। इसके लागू होने पर देश के किसी भी व्यक्ति की नागरिकता खत्म होने या छिनने की कोई आशंका नहीं है।

सीएए का विरोध अदालत तक पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट बीते बुधवार को देशभर के विभिन्न हाईकोर्ट में सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली सभी जनहित याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया। 

सीएए को लेकर देशभर हो रहे विरोध प्रदर्शन के मद्देलजर भाजपा ने देशभर में जन जागरण अभियान शुरू किया है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इसकी शुरुआत रविवार को दिल्ली के लाजपत नगर से की। वे लाजपत नगर के छह घरों में गए और नागरिकता संशोधन कानून के बारे में जानकारी दी। भाजपा ने इस अभियान के तहत तीन करोड़ लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। 

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