जहां रहेगा वहीं रोशनी लुटायेगा, किसी च़राग का अपना मकां नहीं होता – Happy बर्थ डे वसीम साहब
जन्मदिन मुबारक : ‘खुद को मनवाने का मुझको भी हुनर आता है,मैं वह कतरा हूं समंदर मेरे घर आता है ‘…..प्रो.वसीम बरेलवी प्रोफ़ेसर वसीम बरेलवी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं फिर भी हम अपने पाठकों से प्रोफ़ेसर वसीम बरेलवी का परिचय उनकी ग़ज़लों के माध्यम से करा रहे हैं | प्रो.वसीम बरेलवी। उस अज़ीम…