May 15, 2024

The Voice of Bareilly

पत्रकार हितों के लिए हमको एकजुट होकर लड़ाई लड़नी होगी : राष्ट्रीय संयोजक जेसीआई

Bareillylive : पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर आज जर्नलिस्ट काउंसिल आफ इंडिया द्वारा एक वर्चुअल मीटिंग की गई जिसमें जर्नलिस्ट कॉउंसिल ऑफ़ इंडिया के पदाधिकारीयों ने बड़ी मात्रा में हिस्सा लिया और अपने विचार व्यक्त किये, पदाधिकारीयों का कहना था कि सरकार पत्रकारों के हित को नजरअंदाज कर रही है यही कारण है कि विभिन्न स्तरों पर पत्रकारों का शोषण किया जा रहा है जिसके लिए जर्नलिस्ट काउंसिल आफ इंडिया लड़ाई लड़ता रहेगा और जब तक पत्रकार सुरक्षा कानून लागू नहीं हो जाता तब तक पत्रकार शांत नहीं बैठेंगे। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ0 अनुराग सक्सेना ने कहा कि सरकार को डिजिटल मीडिया को मान्यता दे देना चाहिए और उसका पंजीकरण करना चाहिए प्रिंट मीडिया के लिए ई पेपर की मान्यता देना अति आवश्यक है तथा क्षेत्रीय पत्रकारों के लिए भी सरकार को कुछ कारगर कदम उठाने चाहिए ताकि वह सम्मान की जिंदगी जी सके। राष्ट्रीय संयोजक डॉ0 आर सी श्रीवास्तव ने कहा कि बिना आवाज़ उठाएं और बिना अपने हक की लड़ाई लड़े हमें अपने हक मिलने वाले नहीं है इसलिए सभी को एक होकर अपने हक की लड़ाई लड़नी चाहिए।

वरिष्ठ पत्रकार एवं राष्ट्रीय पदाधिकारी अशोक झा ने बताया कि पत्रकारों के ऊपर बेवजह मुकदमे दर्ज करके उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है जो किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर पदाधिकारी मध्यप्रदेश के संयोजक हरिशंकर पाराशर ने कहा कि पत्रकारों के प्रति सरकार की उदासीनता पत्रकारों में आक्रोश पैदा कर रही है इसलिए हम सभी को एक होकर अपनी लड़ाई लड़नी चाहिए। बिहार इकाई के संयोजक कुणाल भगत ने कहा कि सरकार प्रिंट मीडिया के क्षेत्रीय पत्रकार एवं डिजिटल मीडिया के पत्रकारों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है जो किसी भी मामले में उचित नहीं है। वरिष्ठ पदाधिकारी बी त्रिपाठी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि पत्रकारों को अपनी लड़ाई लड़ने के लिए उठ खड़े होना चाहिए और यह लड़ाई तब तक जारी रहनी चाहिए जब तक सरकार पत्रकारों के हित में कोई कानून नहीं ले आती है। वरिष्ठ पत्रकार एवं पदाधिकारी राजा अवस्थी ने कहा कि पत्रकारों की उपेक्षा से पत्रकार आहत है और अपनी लड़ाई लड़ने को बाध्य है इसलिए आवश्यकता है कि छोटे-बड़े की भावना छोड़कर सभी को एक साथ खड़े होकर अपने हक की लड़ाई लड़नी चाहिए।

इस प्रकार से करीब दो दर्जन लोगों ने पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर अपने विचार व्यक्त किये और सभी का मानना था कि कोई भी राजनीतिक दल पत्रकारों के हित के लिए बात नहीं करता जबकि हर स्तर पर उनसे फायदा उठाता है जो सरासर गलत है यदि ऐसा ही रहा तो जर्नलिस्ट कॉउंसिल ऑफ़ इंडिया बृहद स्तर पर पत्रकारों के हक और हुकुक को लेकर संघर्ष करेगी और यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक पत्रकारों के हित में और पत्रकारों के लिए कोई आदर्श कानून नहीं बन जाता। पत्रकार प्रताड़ित किया जा रहे हैं उनके ऊपर झूठे मुकदमे लिखा जा रहे हैं परंतु सरकार एवं अधिकारी कान में तेल डालकर बैठे हैं जो किसी भी तरीके से उचित नहीं है पत्रकारों के ऊपर कोई भी मुकदमा दर्ज करने से पहले किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा इसकी छानबीन करनी चाहिए और जब वह दोषी पाया जाए तभी उनके ऊपर मुकदमा दर्ज किया जाए पत्रकारों के लिए अलग कानून बनाए जाएं और उसमें सभी पंजीकृत पत्रकार संगठनों की भी सलाह ली जाए ताकि पत्रकार भी इज्जत की जिंदगी जी सके पत्रकार परेशानियों का ध्यान दिए बिना निरंतर अपना कार्य करते रहते हैं और फिर भी वह अपने को असुरक्षित महसूस करते हैं जो किसी न किसी तरीके से सरकार की गलत नीतियों और उपेक्षा के कारण है। इस वर्चुअल मीटिंग के दौरान झारखंड की संयोजक अंशिका ओझा, डा0 अम्मार आब्दी सहित अन्य पत्रकार साथी भी शामिल रहे।