…और वो महात्मा बुद्ध से करने लगी प्रेम, फिर…
बरेली 30 जनवरी। छुआछूत, ऊंचनीच, भेदभाव, जातपात आज भी कायम है। अब ये सबकुछ नये ढंग से हो रहा है। अब जाति और धर्म के आधार पर चुनाव जीता जाता है। अपने और पराये के आधार पर लोग पहचाने जाते हैं। इसी बात पर प्रहार करता रविन्द्र नाथ टैगोर द्वारा लिखित कहानी पर आधारित नाटक चंडालिका…