नई दिल्ली, 15 फरवरी। एक कंप्यूटर वैज्ञानिक ने दावा किया है कि तकनीकी और मशीनों के बढ़ते विकास के चलते 30 सालों में दुनिया के आधे लोगों की नौकरियां छीन जाएंगी। उन्होंने कहा कि मशीनें हर तरह का काम करने में सक्षम होगी और तब इंसानों के पास कोई काम नहीं होगा।
गार्जियन अखबार में छपी एक खबर के मुताबिक ‘अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस’ से मोशे वारदी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दिशा में विज्ञान जितनी तेजी से काम कर रहा है इससे दुनिया की अर्थव्यवस्था को बड़ा खतरा है। गौरतलब है कि इससे पहले वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग और माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स भी मामले पर चिंता जता चुके हैं।
राइस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मोशे वारदी ने कहा कि तकनीक बिना पायलट वाले ड्रोन से भी ज्यादा खतरनाक हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से वैश्विक स्तर पर बेरोजगारी का खतरा 50 फीसदी तक बढ़ सकता है। इससे मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। इस संदर्भ में चीन का भी उदाहरण दिया गया और कहा गया कि फॉक्सकॉन और सैमसंग जैसी इलेक्ट्रॉनिक कंपनियां अब इंसानों का काम रोबोट से करवा रहे हैं।वारदी ने कहा कि कि अगले 25 साल में सड़कों पर सिर्फ ऑटोमेटेड ड्राइविंग गाड़ियां ही होंगी। उन्होंने कहा कि आपकी हर जरूरत के लिए जब मशीन ही होंगी तो इंसान का क्या काम रह जाएगा।