आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई सभ्यताओं या संस्कृतियों का टकराव नहीं है, बल्कि विचारों और आदर्शों की प्रतियोगिता है।
अबु धाबी। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकवाद ने कई जिंदगियां तबाह की हैं। जो भी देश आतंकियों को पनाह देते हैं, उन्हें दुनिया के सामने लाना ही होगा ताकि उन देशों में मौजूद आतंकियों को मिल रही शरण पर रोक लगे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद ने कई जिंदगियां तबाह की हैं। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई किसी भी धर्म के खिलाफ टकराव नहीं है। पाकिस्तान का नाम लिये बगैर स्वराज ने उसको दुनियाभर में अलग-थलग करने की बात कही।
सुषमा स्वराज यहां आयोजित इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के विदेश मंत्रियों की बैठक में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि साल 2019 बहुत महत्वपूर्ण है। इस साल भारत महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैं करीब सवा अरब भारतीयों का अभिवादन करती हूं जिनमें 18.5 करोड़ से अधिक मुस्लिम भाई-बहन शामिल हैं। हमारे मुस्लिम भाई-बहन भारत की विविधता का सूक्ष्म रूप हैं।’
सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकवाद और कट्टरवाद दोनों एक ही हैं। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई किसी भी धर्म के खिलाफ टकराव नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सभ्यताओं या संस्कृतियों का टकराव नहीं है, बल्कि विचारों और आदर्शों की प्रतियोगिता है। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्सर कहा है, यह मानवतावाद और अमानवीयता की ताकतों के बीच संघर्ष है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और कट्टरवाद दोनों एक ही हैं। इस्लाम का संदेश शांति है। कुरान में कहा गया है, ‘धर्म की मजबूरी नहीं होनी चाहिए।’ ऋग्वेद में कहा गया है, ‘भगवान एक है लेकिन लोग अगल-अलग तरह उसको परिभाषित करते हैं।’ ऐसा ही दुनिया के सभी धर्मों में कहा गया है। दुनिया का हर धर्म शांति, करुणा और भाईचारे के लिए खड़ा है।
भारत की विदेश मंत्री ने कहा कि ओआईसी के कई देशों के साथ भारत के मजबूत और अच्छे संबंध हैं। भारत की अर्थव्यवस्था की में वृद्धि की वजह से ये संबंध और मजबूत हुए हैं। हममें से कई देशों ने उपनिवेशवाद का अंधकार देखा है। कई देशों ने साथ में आजादी का उजाला देखा। आज हम प्रतिष्ठा के मामले में बराबरी पर खड़े हुए हैं।
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया कि यूएई के विदेश मंत्री एचएच शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान ने सुषमा स्वराज को बतौर ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ आमंत्रित किया है।
गौरतलब है कि भारत को पहली बार ओआईसी की बैठक में आमंत्रित किया गया है। यह संगठन 57 इस्लामिक देशों का प्रभावशाली समूह है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सुषमा स्वराज के भाग लेने पर ओआइसी की बैठक का बहिष्कार करने की बात कही है। स्वराज के आबु धाबी के लिए रवाना होने से पहले अबु धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से बातचीत की और दोनों देशों से तनाव कम करने की अपील की थी।
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