लखनऊ। उत्तर प्रदेश में संपत्तियों की रजिस्ट्री डीड पर लगने वाले पंजीयन शुल्क (Registration fee) को एक समान कर दिया गया है। यानी अब अमीर हो या गरीब सभी लोगों को एक समान पंजीयन शुल्क देना होगा जो एक प्रतिशत होगा। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने इस संबंध में शासनादेश गुरुवार को जारी कर दिया। इसके साथ ही प्रदेश भर में पंजीयन शुल्क की नई दर प्रभावी हो गई है। इस फैसले से सरकारी खजाने को प्रतिवर्ष करीब एक हजार करोड़ रुपये की आय होने का अनुमान है।

अभी तक पंजीयन शुल्क दो प्रतिशत या अधिकतम 20 हजार रुपये था। इससे आम लोगों पर जहां अधिक भार पड़ रहा था, वहीं अमीर लोगों को राहत मिल रही थी। इस विषमता को समाप्त करने के लिए ही सरकार ने पंजीयन शुल्क को एक समान कर दिया है। कैबिनेट ने बीते 5 फरवरी को इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसी कड़ी में प्रमुख सचिव वीना कुमारी ने शासनादेश जारी किया है। 

सरकार का मानना है कि पुराने टैरिफ की वजह से छोटी भूमि या संपत्ति की सभी लोगों के लिए एक प्रतिशत धनराशि पंजीयन शुल्क के तौर लेने की व्यवस्था को लागू किया गया है।

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