The Minister of State for Commerce & Industry (Independent Charge), Smt. Nirmala Sitharaman addressing a press conference, in New Delhi on October 14, 2016.

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्ता को लग रहे झटकों को बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आयकर (Income tax) एवं जीएसटी (GST) के अनुपालन से जुड़े मुद्दों पर कई तरह के राहत का ऐलान किया। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दिया गया है। इस अवधि में विलंबित इनकम टैक्स पर ब्याज को 12 प्रतिशत से घटाकर नौ प्रतिशत कर दिया गया है। हालांकि TDS जमा करने के लिए समयसीमा नहीं बढ़ाई गई लेकिन ब्याज को 18 प्रतिशत से घटाकर नौ प्रतिशत किया गया है। 5 करोड़ तक टर्नओवर वाली कंपनियों को जीएसटी रिटर्न फाइल करने में देरी पर फिलहाल जुर्माना नहीं देगा होगा।

सरकार ने विवाद से विश्वास स्कीम की समयसीमा को भी बढ़ाकर 30 जून, 2020 करने का फैसला किया है। 31 मार्च के बाद 30 जून तक कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगेगा। आधार-पैन लिंक करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 30 जून 2020 तक कर दी गई है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह ऐलान ऐसे समय में किया है जब देश की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस की वजह से नए तरह के संकट में फंसती दिख रही है। उल्लेखनीय है कि भारत पहले ही GDP Growth में कमी की समस्या से जूझ रहा है। 

सरकार ने साफ कर दिया है कि कोरोना वायरस से जुड़े कार्यों में अब CSR का फंड दिया जा सकता है। यानी यह फंड अब कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में इस्तेमाल किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को ट्वीट किया कि देश में कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुए सरकार इसे आपदा घोषित करने का निर्णय ले चुकी है। इसलिए यह साफ करना जरूरी है कि कोरोना वायरस से लड़ाई में खर्च हुए फंड को CSR एक्टिविटी के अंतर्गत माना जाएगा। वित्त मंत्री ने इस बात के संकेत दिए हैं कि जल्द ही कोरोना वायरस से प्रभावित सेक्टरों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की जा सकती है। इसके अलावा, सेबी और रिजर्व बैंक की तरफ से कुछ राहत दी जा सकती है।

 

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