नयी दिल्ली, तीन अगस्त । रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति घोषणा से एक दिन पहले वित्त मंत्रालय के एक आला अधिकारी ने कहा है कि केन्द्रीय बैंक को महज मुद्रास्फीति की चिंताओं को लेकर ब्याज दर घटाने से हिचकिचाना नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार उधारी की लागत नीचे लाना चाहती है और यदि आरबीआई अपनी नीतिगत दर में कटौती करता है तो इससे निवेश में तेजी आएगी और वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा। रिजर्व बैंक कल 11 बजे मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा।
अधिकारी ने कहा कि थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति नवंबर से ही नकारात्मक दायरे में है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम कई साल के निचले स्तर पर हैं जिससे भारत जैसे विकासशील देश आरामदायक स्थिति में हैं।
हालांकि, बैंकों को लगता है कि आरबीआई दरों में और कटौती करने में सतर्कता बरतेगा क्योंकि खुदरा मुद्रास्फीति सतत रूप से उंची बनी हुई है और जून में यह आठ माह के उच्च स्तर 5.4 प्रतिशत पर थी। उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने 2 जून को अपनी पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर चौथाई प्रतिशत घटा दी थी। इस तरह से, केन्द्रीय बैंक ने 2015 में दर में तीसरी बार कटौती की।