नयी दिल्ली, 25 अगस्त। निर्यात पर लगाम और जमाखोरी के खिलाफ कार्रवाई के डर से एशिया में प्याज की सबसे बड़ी मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में प्याज का थोक भाव आज 50 रुपये प्रति किलो से नीचे आ गया। दिल्ली के आजादपुर मंडी में प्याज का थोक बिक्री मूल्य तीन से पांच रुपये प्रति किलो घटकर 53 रुपये प्रति किलो रह गया जिसका कारण कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से नयी फसल की आवक का बढ़ना है। हालांकि प्याज का थोक बिक्री मूल्य देश भर में 80 रुपये प्रति किलो के आसपास बना हुआ है।
नासिक स्थित राष्ट्रीय बागवानी शोध एवं विकास संस्थान के आंकड़ों के अनुसार, देश भर में कीमतों का रूख निर्धारित करने वाले बाजार लासालगांव में प्याज का थोक बिक्री मूल्य घटकर 48.5 रुपये प्रति किलो रह गया जो पिछले सप्ताह 57 रुपये प्रति किलो के स्तर पर था।
संस्थान के निदेशक आर पी गुप्ता ने कहा, मंडी में आवक बढ़ने के कारण कीमतों में गिरावट आई। नासिक स्थित व्यापारियों ने कहा कि सरकार के द्वारा प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को 425 रुपये से बढ़ाकर 700 डॉलर प्रति टन करने के जरिये विदेशों को प्याज की बिक्री पर रोक लगाने के बाद किसानों, व्यापारियों ने बिक्री के लिए और स्टॉक बाहर निकाले जिससे बाजार में प्याज की आवक बढ़ गयी।
व्यापारियों ने कहा कि जमाखोरी के खिलाफ कार्रवाई किये जाने के डर के साथ साथ एमएमटीसी द्वारा 10,000 टन प्याज का आयात करने की पहल के कारण कीमतें कम होने में मदद मिली।
आजादपुर कृषि उत्पाद विपणन समिति सदस्य राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि उक्त दो राज्यों से प्याज के नये फसल की आवक बढ़ने की मदद से आज दिल्ली के बाजारों में प्याज का थोक बिक्री मूल्य तीन से पांच रुपये प्रति किलो घटकर 53 रुपये प्रति किलो रह गया है।
कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में प्याज की जल्द बोई गई फसल की आवक ने गति पकड़ी है जो देश में प्याज के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में अक्तूबर के बाद से नये फसल के तैयार होने तक देश भर में आपूर्ति की स्थिति को सुधारने में मदद करेगा।