नई दिल्ली। भारत पर नापाक नजर रखने वाले अब अपनी करतूत छिपा नहीं पाएगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार तड़के सफलता की नई इबारत लिखते हुए एक ऐसा सेटेलाइट सफलतापूर्वक लांच किया है जो हर मौसम में चाहे रात हो, बादल हों या बारिश, अंतरिक्ष से दुश्मनों पर बारीक नजर रखेगा। 615 किलोग्राम का यह सेटेलाइ आकाश में भारत की खुफिया क्षमताओं को दोगुना करने में कारगर साबित होगा। 26/11 (मुंबई हमले) के बाद इस सीरीज के सेटेलाइट को सीमाओं की निगरानी और घुसपैठ रोकने के लिए विकसित किया गया था।
दरअसल, इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर फर्स्ट लॉन्च पैड से बुधवार सुबह साढ़े 5.30 बजे रीसेट-2बी सेटेलाइट की सफल लॉन्चिंग की। यह प्रक्षेपण पीएसएलवी सी-46 रॉकेट (PSLV-C46) से किया गया। श्रीहरिकोटा से यह PSLV-C46 की 72वीं लॉन्चिंग थी।
रीसैट-2बी का इस्तेमाल किसी भी तरह के मौसम में टोही गतिविधियों, रणनीतिक निगरानियों और आपदा प्रबंधन में आसानी से किया जा सकेगा। इस सेटेलाइट के साथ इसरो ने आकाशगंगा में सिंथेटिक अपर्चर रडार (सार) इमेजर भेजा है। इस सार से रीसैट-2बी सेटेलाइट की संचार सेवाएं निरंतर बनी रहेगी और ये वैज्ञानिकों को भारत की खुफिया जानकारी उपलब्ध कराने में सक्षम होगा। आतंकी घुसपैठ को रोकने के साथ-साथ यह सेटेलाइट देश के नागरिकों की सुरक्षा के हित में काफी सहायक होगा। इसरो प्रमुख के शिवन ने मिशन को ‘‘बहुत-बहुत महत्वपूर्ण’’ बताया लेकिन खुलकर जानकारी नहीं दी।
प्राकृतिक आपदाओं में करेगा मदद
इस सेटेलाइट की सबसे बड़ी खूबी बताई जा रही है प्राकृतिक आपदाओं में इसका मददगार होना। इस सेटेलाइट के जरिये अंतरिक्ष से जमीन पर 3 फीट की ऊंचाई तक की उम्दा तस्वीरें ली जा सकती हैं। इसकी मदद से बाढ़ और तूफान के कारण हुए नुकसान का आकलन करने में आसानी होगी। साथ ही फसलों के उत्पादन का अनुमान भी लगाया जा सकेगा। खरीफ के सीजन (मई से सितंबर) में जब आकाश में बादल होते हैं, इसकी मदद से फसलों की स्थिति, नुकसान आदि का पता लगाया जा सकेगा। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस तरह की निगरानी तकनीक कुछ ही देशों के पास है।