रक्षाबंधन बरेली। भाई-बहन के अटूट रिश्ते और प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार ये त्यौहार 07 अगस्त को मनाया जायेगा। लेकिन इस बार के रक्षाबंधन पर बहनों को भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त बस, कुछ ही घण्टे मिल रहा है। कारण कि इस दिन चंद्रग्रहण पड़ रहा है।

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार चंद्र ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। कहा जाता है कि ग्रहण काल के दौरान भगवान के नाम का स्मरण तो किया जाना चाहिए लेकिन उनकी पूजा एवं स्पर्श नहीं किया जाना चाहिए। इस दौरान कोई शुभ काम नहीं किया जाता। ऐसा माना जाता है कि चंद्रग्रहण कुंवारों के लिए अच्छा नहीं होता है क्योंकि सुंदरता का प्रतीक चंद्रमा तो श्रापित है और जो भी कुंवारा लड़का या लड़की उसे देखता है तो उसकी शादी या तो रूक जाती है या बहुत मुश्किलों से तय होती है। कहा जाता है कि इस दौरान किए गए काम से इंसान का नुकसान और अहित ही होता है इसलिए चंद्रग्रहण से पहले और ग्रहण तक हर अच्छे काम नहीं करने चाहिए।

राखी बांधने का समय

इस बार 7 अगस्त सोमवार को रक्षाबंधन पर्व के दिन चंद्रग्रहण पड़ रहा है। इस ग्रहण का सूतक काल दोपहर 1 बजकर 52 मिन्ट से ही शुरू हो जायेगा और ग्रहण के सूतक शुरू होने से ग्रहण मोक्ष होने तक के समय को शुभ मंगल कार्यों और सांसारिक कार्यों के लिए त्याज्य माना गया है।

इसके अलावा रक्षाबंधन वाले दिन यानि 7 अगस्त को सुबह 11ः05 बजे तक भद्रा भी रहेगी। शास्त्रों के अनुसार से भद्राकाल को शुभ एवं मंगल कार्यों के लिए अच्छा नहीं माना गया है। इसलिए सुबह 11 बजकर 5 मिन्ट पर भद्रा समाप्त होने पर ही राखी बांधना शुभ होगा। इस प्रकार भद्रा और ग्रहण के सूतक काल के बीच का समय यानि सुबह 11 बजकर 5 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 51 मिनट तक का समय ही राखी बांधने के लिए विशेष शुभ और मंगलदायक होगा।

नोट -इस आलेख में दी गई जानकारियों के आधार पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें मानने से पूर्व संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श करके ही निर्णय लें।

 

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