गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेडऩे के लिए आम लोगों को भी आगे आने को कहा है। योगी ने शनिवार को यहां नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के साथ स्वच्छता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में शामिल लोगों को स्वच्छता की शपथ भी दिलाई। रैली को रवाना करने के बाद मुख्यमंत्री राजस्थान के चुनावी दौरे पर रवाना हो गए।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि जब हम लोग जागरूक होंगे तो भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगेगा। यह अब बहुत जरूरी भी हो गया है। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी के 150वीं जयंती के अवसर पर आज से 15 तारीख तक प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 150 लोगों की टोली सरकार के कार्यों की जानकारी लोगों को देगी जिससे आम जनता को सरकार की योजनाओं की जमीनी हकीकत पता चल सके और आम लोग भी भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ दें। उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देश भारत की स्वच्छता मिशन से प्रभावित हो रहे है।
सफलता के लिए बनानी पड़ती है राह
अब तो हम लोग हर जगह को स्वच्छ करने की मुहिम में हैं। सफलता के लिए राह बनानी पड़ती है। सफलता के लिए इंतजार करने से बेहतर हैं कि खुद पहल करें। सफलता की राह खुद बनाएं। स्वच्छता की जो शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी वह अब आंदोलन बन चुकी है। स्वच्छता को अपनाकर हम पूरे समाज को स्वच्छ कर सकते हैं। उन्हें लोगों का आह्वान किया कि कूड़ा इधर-उधर न फेंक कर उसे डस्टबिन में ही डालें।
मुख्यमंत्री स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में जनजागरूकता व जनसहभागिता बढ़ाने के लिए दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित विशेष स्वच्छता रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन का हिस्सा बनें और लोगों को जागरूक करें। स्वच्छता के महत्व को पूर्वांचल, खासकर गोरखपुर के लोगों से बेहतर कौन समझ सकता है। इस क्षेत्र में गंदगी की वजह से भी होने वाली बीमारी एईएस के कारण हर साल सैकड़ों बच्चे असमय मौत की नींद सो जाते हैं।
अब लोगों में जागरूकता आई है और साफ-सफाई में बढ़ोतरी हुई है। सबसे बड़ी बाधा यह है कि लोग स्वयं पहल नहीं करते। इसी झिझक की वजह से गंदगी बनी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा है। हम लोगों के लिए गौरव का विषय, हमने काफी अभियान चलाया और आज स्वच्छता रैली में ऐतिहासिक भीड़ है।
स्वच्छता को आदत में शामिल करना होगा
नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि स्वच्छता को आदत में शामिल करना होगा। रैपर-फलों के छिलकों को सड़क पर फेंकने के बजाय जेब में रखें और डस्टबिन दिखे तो उसमें डाल दें। लोगों की इसी सोच के कारण विदेश में इतनी गंदगी नहीं है। वहां लोगों में सफाई को लेकर अनुशासन है। वे अपनी जिम्मेदारी मानते हुए सफाई में सहयोग कर रहे हैं। यहां के लोग भी इस तरह का अनुशासन स्वीकार कर सफाई को महत्व दें। शर्मनाक यह है कि इतने दिनों बाद भी सफाई जन आंदोलन नहीं बन सकी। अभी भी कुछ लोग इसे सरकारी जिम्मेदारी ही मान रहे हैं।