विशेषज्ञों एवं नियक्ताओं के अनुसार पारंपरिक की जगह नई तरह की नौकरियों में बढ़ते अवसरों को देखते हुए नए साल में रोजगार के 10 लाख नए अवसर बनेंगे।
नई दिल्ली : रोजगार के लिए भटक रहे युवाओं के जल्द ही’अच्छे दिन’ आ सकते हैं। प्रौद्योगिकी में बदलाव और पारंपरिक की जगह रोजगार के नए तरह के बढ़ते अवसरों ने यह उम्मीद जगाई है। दरअसल, प्रौद्योगिकी में बदलाव के चलते इस साल कई पारंपरिक नौकरियों की जगह नई नौकरियों ने ले ली, वेतन में करीब 8-10 फीसद की औसत वृद्धि हुई। इसको देखते हुए विशेषज्ञों एवं नियोक्ताओं का अनुमान है कि आने वालेसाल यानी 2019 में रोजगार के करीब 10 लाख नए मौके बनेंगे। कुछ खासक्षेत्र के लोगों की वेतन में अधिक बढ़ोतरी भी हो सकती है जो 10 फीसद तक होसकती है। यानी वेतनवृद्धि भी ‘दमदार’ होगी।
सतर्क रुख अख्तियार कर सकते हैं नियोक्ता
एक आकलन के अनुसार हर साल 1.2 करोड़ लोग रोजगार बाजार में प्रवेश कर रहे हैं। रोजगार सृजन हाल के समय में बहस का अहम मुद्दा रहा है क्योंकि तेज व्यापक आर्थिक वृद्धि के बावजूद रोजगार सृजन की गति उम्मीद के अनुरूप नहीं रही है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रह है कि अगले साल होने वाले आम चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक अनिश्चितता को देखते हुए नियोक्ता 2019 की पहली छमाही में सतर्क रुख अख्तियार कर सकते हैं। कम-से-कम साल की पहली तिमाही में रोजगार सृजन प्रभावित होगा।
पटरी पर लौटता नजर आया रोजगार बाजार
विशेषज्ञों का कहना है कि देश में रोजगार सृजन को लेकर पर्याप्त और विश्वसनीय आंकड़ों का अभाव है। इस कारण भी स्थिति ज्यादा बदतर हो गई है। वर्ष 2016 के नवंबर में नोटबंदी और एक जुलाई, 2017 को वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू किए जाने के बाद 2018 में भारतीय रोजगार बाजार फिर से पटरी पर लौटता नजर आया।