भ्रष्टाचारमुक्त सरकार और सुशासन के दावों की धज्जियां उड़ाने वाले एक टीवी चैनल के इस स्टिंग ऑपरेशन से हड़कंप मच गया है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के तीन मंत्रियों के निजी सचिवों के करोडों रुपयों की डील करने के स्टिंग ऑपरेशन ने भूचाल-सा ला दिया है। स्टिंग में रिश्वत का मामला सामने आने के बाद तीनों निजी सचिवों को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच एसआइटी को सौंपी गई है। निजी सचिवों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी है। इस कार्रवाई के दायरे में कई औरअधिकारी भी आ सकते हैं।
दरअसल, योगी आदित्यनाथ सरकार के तीन मंत्रियों ओमप्रकाश राजभर, अर्चना पाण्डेय और संदीप सिंह के स्टॉफ का स्टिंग ऑपरेशन बुधवार को सामने आया। कुछ राज्यों में विधानसभा चुनावों में भाजपा के कमजोर प्रदर्शन व जल्द ही होने जा रहे लोकसभा चुनाव के मध्य आये इस स्टिंग ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। भ्रष्टाचार मुक्त सरकार और सुशासन के दावों की धज्जियां उड़ाने वाले एक टीवी चैनल के इस स्टिंग ऑपरेशन से हड़कंप मच गया। तुरंज डैमेज कंट्रोल की कोशिशें शुरू हो गईं। सरकरा गुरुवार को हरकत में नजर आय़ी। एडीजी राजीव कृष्णा के नेतृत्व स्पेशल इन्वेस्टीगेटिंग टीम इस मामले की जांच करेगी।
टीवी चैनल ने बुधवार रात जैसे ही स्टिंग आपरेशन दिखाना शुरू किया, सरकार सकते में आ गई। सबसे पहले पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री ओमप्रकाश राजभर के विधानभवन स्थित कक्ष में उनका निजी सचिव ओमप्रकाश कश्यप कई विभागों के काम के लिए घूस मांगता नजर आ रहा है। उसने दावा किया कि वह हर विभाग के काम करा सकता है। खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडेय के निजी सचिव एसपी त्रिपाठी के स्टिंग में एक एजेंट का चेहरा पहले नजर आता है। इसके बाद उनके निजी सचिव एसपी त्रिपाठी ने आकर बात की। उसने सहारनपुर में रेत के मामले में डीएम से इजाजत दिलाने के साथ ही आबकारी के एक काम के लिए हामी भरी और यह भी कहा पूरा चैनल बना हुआ है, सबको कुछ न कुछ जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के कक्ष में उनके निजी सचिव संतोष अवस्थी ने 170 करोड़ रुपये की किताबों के ठेके का सौदा किया। कहा कि उसे सिर्फ कागजात चाहिए, बाकी काम वह करा देगा। उसने रुपये किसी आदमी को देने के लिए कहा और यह भी कहा कि रुपये बाहर ही देने होंगे।