UK and India. British and Indian flags. Official colors. Correct proportion. Vector illustration

लंदन। करीब 200 साल भारत पर राज करने वाले ब्रिटेन ने भी अब भारत की बढ़ती ताकत और दुनिया में उसके प्रभाव को मान लिया है। सोमवार को जारी बिटिश संसदीय जांच रिपोर्ट कहा गया है कि ब्रिटेन भारत की बढ़ती ताकत और प्रभाव के मुताबिक अपनी रणनीतियों में बदलाव करने में असफल रहा है और भारत के साथ बेहतर संबंधों की दौड़ में भी पिछड गया है।

ब्रिटेन-भारत सप्ताह 2019 की शुरुआत से पहले ब्रिटिश संसद में पहले “भारत दिवस’” के अवसर पर “बिल्डिंग ब्रिजेज : रीअवेकनिंग यूके-इंडिया टाइज” नाम से यह संसदीय रिपोर्ट जारी की गई है।

 गंवाए गए अवसर की गाथा

इस रिपोर्ट में भारतीय पर्यटकों, छात्र-छात्राओं और पेशेवरों के लिए बेहतर वीजा और आव्रजन नीति बनाकर संबंधों में सुधार लाने को कहा गया है। रिपोर्ट में यह आरोप भी लगाया गया है कि ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों के अवसर गंवा रहा है और उभरते भारत के साथ बेहतर संबंधों की वैश्विक दौड़ में पिछड़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के साथ ब्रिटिश संबंधों की हालिया कहानी गंवाए गए अवसर की गाथा है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के साथ संबंधों में बेहतरी के लिए सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने होंगे, खासतौर से उसे भारतीयों के लिए ब्रिटेन की यात्रा, यहां काम करना और पढ़ाई करना आसान बनाना होगा। वीजा के मामले में, रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन जैस गैर-लोकतांत्रिक देश के मुकाबले भारत को ज्यादा कड़े नियमों का पालन करना पड़ता है। संसदीय रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसी आव्रजन नीतियों के पक्ष में कोई तर्क नहीं दिया जा सकता है जिनके कारण भारतीय विद्यार्थयों और पर्यटकों का आकर्षण देश के प्रति खत्म हो रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि छात्र और पर्यटक ना सिर्फ हमारी अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं, बल्कि उनके जरिए दीर्घकालीक द्विपक्षीय संबंध भी विकसित होते हैं। संसदीय रिपोर्ट में हालांकि यह माना गया है कि सभी लिहाज से ब्रिटेन इस द्विपक्षीय संबंध से लाभ लेने की स्थिति में है लेकिन उसने चेतावनी भी दी है कि दोनों देशों अपनी पूर्ण क्षमताओं का प्रयोग इसलिए नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि नई दिल्ली को सही संदेश नहीं पहुंच रहा है। ऐसे में जब ब्रिटेन यूरोपीय संघ छोड़ने की तैयारियां कर रहा है, अब संबंधों में सुधार का वक्त आ गया है। हम आधुनिक साझेदारी के लिए ऐतिहासिक संबंधों पर भरोसा नहीं कर सकते।

error: Content is protected !!