न्यूयॉर्क। सामूहिक कार्रवाई का आह्वान करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने वैश्विक नरमी से निपटने और टिकाउ वृद्धि के लिए मजबूत व अच्छी तरह से पूंजी से लैस बहुराष्ट्रीय संस्थानों की आज वकालत की।
न्यूयार्क के इकनामिक क्लब में एक कार्यक्रम में राजन ने कहा, मेरे विचार से अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक नीति में वर्तमान गैर-प्रणाली, टिकाउ विकास एवं वित्तीय क्षेत्र दोनों के लिए ही जोखिम का एक बड़ा स्रोत है। यह एक औद्योगिक देश की समस्या नहीं है न ही यह उभरते बाजार की समस्या है, बल्कि यह सामूहिक कार्रवाई की एक समस्या है। राजन ने कहा कि कम ब्याज दरें एवं कर प्रोत्साहन निवेश को बढ़ावा दे सकते हैं, लेकिन आर्थिक वृद्धि बढ़ाने के लिए उपभोक्ता मांग अधिक महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, हमें मौद्रिक नीति नरम करने की प्रतिस्पर्धा की ओर ढकेला जा रहा है। मैं मंदी के युग की शब्दावली का इसलिए इस्तेमाल कर रहा हूं क्योंकि मुझे भय है कि कमजोर मांग वाले विश्व में हम अधिक हिस्सेदारी के लिए एक जोखिम भरी प्रतिस्पर्धा में कूद सकते हैं।
उन्होंने एक बेहतर अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा जाल की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक देश को मुक्त व्यापार, मुक्त बाजार के लिए सहमति बनाने को मेहनत से काम करने की जरूरत होगी। राजन ने कहा कि धीमी वृद्धि का समय औद्योगिक और उभरते दोनों प्रकार के देशों के लिए खतरनाक है, क्योंकि घरेलू राजनीतिक तनाव पर काबू पाने के लिए उंची वृद्धि बेहद जरूरी है।