नई दिल्ली। (Permanent commission to women in Indian Army) भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन की अंतिम बाधा भी दूर हो गई है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को इसे लेकर औपचारिक स्वीकृति पत्र जारी कर दिया है। यह जानकारी भारतीय सेना के प्रवक्ता ने दी। 

यह आदेश भारतीय सेना की सभी दस स्ट्रीम में शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) की महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए निर्दिष्ट करता है। जैसे ही सभी प्रभावी एसएससी महिला अधिकारी अपने विकल्प का प्रयोग करती हैं और अपेक्षित दस्तावेज पूरा कर लेती हैं, उनका चयन बोर्ड निर्धारित किया जाएगा।

क्या है सेना में महिलाओं का स्थायी कमीशन

सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी। उसने कहा था, “केंद्र सरकार युद्ध क्षेत्र को छोड़कर बाकी सभी इलाकों में महिला अधिकारियों को स्थायी कमान देने के लिए बाध्य है। देश की शीर्ष अदालत ने कहा था कि सामाजिक और मानसिक कारण बताकर महिलाओं को इस अवसर से वंचित करना न केवल भेदभावपूर्ण है, बल्कि अस्वीकार्य भी है।”

स्थायी कमीशन दिये जाने का मतलब यह है कि महिला सैन्य अधिकारी अब सेनानिवृत्ति (Retirement) की उम्र तक सेना में काम कर सकती हैं। अगर वे चाहें तो पहले भी नौकरी से इस्तीफा दे सकती हैं। अब तक शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत सेना में नौकरी कर रही महिला अधिकारियों को अब स्थायी कमीशन चुनने का विकल्प दिया जाएगा। स्थायी कमीशन के बाद महिला अधिकारी पेंशन की भी हकदार हो जाएंगी।

इन विभागों में मिलेगा स्थायी कमीशन

महिला अधिकारियों को न्यायाधीश एडवोकेट जनरल, सेना शिक्षा कोर, सिग्नल, इंजीनियर, आर्मी एविएशन, आर्मी एयर डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर, आर्मी सर्विस कॉर्प्स, आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स और इंटेलिजेंस कोर।  

क्या है शॉर्ट सर्विस कमीशन

भारतीय सैन्य सेवा में महिला अधिकारियों की शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) के माध्यम से भर्ती की जाती है। इसके बाद वे 14 साल तक सेना में नौकरी कर सकती हैं। इस अवधि के बाद उन्हें सेनानिवृत्त कर दिया जाता है। हालांकि 20 साल तक नौकरी न कर पाने के कारण रिटायरमेंट के बाद उन्हें पेंशन नहीं दी जाती है।

error: Content is protected !!