लखनऊ। (Kanpur Kidnapping Case) पहले कानपुर के बिकरू में सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या, फिर गाजियाबाद में सरेराह पत्रकार की हत्या और अब कानपुर में ही अपहरण के बाद फिरौती वसूलने के बावजूद लैब टेक्नीशियन की हत्या। तीन ऐसे जघन्य कांड जिसने पहले से ही विश्वसनीयता के संकट से जूझ रही उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि तार-तार कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पुलिस की कार्यप्रणाली से बेहद नाराज हैं। इसकी बानगी शुक्रवार को दिखी जब लैब टेक्नीशियन मामले में बड़ी कारारवाई करते हुए दो बड़े पुलिस अधिकारियों समेत 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
कानपुर के बर्रा कांड में शुरुआती कार्रवाई के तहत एक आइपीएस अधिकारी (एएसपी), एक पीपीएस अधिकारी (सीओ), एक निरीक्षक, दो उप निरीक्षक तथा पांच सिपाहियों को निलंबित किया गया है। एडीजी पीएचक्यू बीपी जोगदंड को जांच सौंपी गई है।
दरअसल, लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की हत्या पुलिस कानपुर में उत्तर प्रदेश पुलिस के नाम पर एक बड़ा कलंक है। पुलिस ने अपहृत लैब टेक्नीशियन के घर वालों से अपहरणकर्ता को 30 लाख रुपये भी दिलवा दिए लेकिन अपहरणकर्ता भाग निकले।
निलंबित आइपीएस अफसर अपर्णा गुप्ता कानपुर नगर में एएसपी दक्षिण के पद पर हैं जबकि पीपीएस अफसर मनोज गुप्ता सीओ बर्रा के पद पर तैनात हैं। इनके अलावा कानपुर में संजीत यादव के अपहरण के मामले में हटाए गए पूर्व प्रभारी निरीक्षक थाना बर्रा रणजीत राय और चौकी इंचार्ज राजेश कुमार को भी निलम्बित कर दिया गया है। बर्रा थाना के उप निरीक्षक योगेंद्र प्रताप सिंह और आरक्षी अवधेश, सौरभ पाण्डेय, विनोद कुमार, मनीष औरशिव प्रताप को भी निलम्बित किया गया है। एडीजी बीपी जोगदंड अब अपहरण के बाद हत्या तथा फिरौती की जांच करेंगे। उनको तत्काल प्रयागराज से कानपुर पहुंचने का निर्देश जारी किया गया है।
दरअसल 28 दिन पहले पैथोलॉजी कर्मचारी संजीत यादव को दोस्तों ने जन्मदिन की पार्टी के बहाने बुलाया था और फिर उसका अपहरण करने के बाद कत्ल करके शव पांडु नदी में फेंक दिया था। शव को ठिकाने लगाने के बाद संजीत के घरवालों से 30 लाख फिरौती की रकम की मांग की गई थी। शुक्रवार की सुबह आइजी और एसएसपी ने गिरफ्तार एक महिला समेत संजीत के पांच दोस्तों को मीडिया के सामने लाकर घटना का पर्दाफाश किया।
योगी आदित्यनाथ के तेवर शुक्रवार को सीएम आवास पर कोरोना वायरस की समीक्षा बैठक के दौरान ही दिख गए थे। उनके तेवर देखकर अनुमान लगाया जा रहा था कि प्रदेश के पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल जल्दी हो सकता है। इसके साथ ही गाजियाबाद, सीतापुर तथा कौशांबी में लापरवाही बरतने के दोषी पुलिस वालों के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई तय है।