बीजिंग। अखबार, कॉल सेटर आदि में काम करने वालों के लिए दिन में घंटों सोना मजबूरी है तो कई लोग मानते हैं कि दोपहर में सोने से थकान दूर हो जाती है और स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। लेकिन, हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि जो लोग दोपहर में एक घंटे से ज्यादा समय तक सोते हैं, उनमें हृदय रोगों का खतरा बढ़ने के साथ-साथ मृत्यु का जोखिम भी कई गुना बढ़ जाता है।

ईएससी कांग्रेस 2020 द डिजिटल एक्सपीरियंस में प्रकाशित एक शोध में दोपहर के समय सोने और दिल की बीमारी व मौत होने के जोखिम के बीच संबंध पर रोशनी डाली गई है। इस विश्लेषण में 20 से अधिक अध्ययनों में 3,13,651 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था जिनमें से 39 प्रतिशत लोग दोपहर के समय सोते थे।

चीन की ग्वांगझोउ यूनिवर्सिटी से इस अध्ययन के लेखक डॉ. ङो पेन ने कहा, “दिन में सोना पूरी दुनिया में आम है और इसे सेहत के लिए बेहतर माना जाता है। यह आम धारणा है कि दोपहर के वक्त कुछ देर के लिए झपकी लेने से काम करने की क्षमता में सुधार आता है और नींद की कमी से होने वाले नुकसानों से भी बचा जाता है। लेकिन, हमारे अध्ययन में इन दोनों ही विचारों को चुनौती दी गई है।”

लेख में आगे कहा गया है, “एक घंटे से ज्यादा देर तक सोने से दिल की बीमारी होने और मौत का खतरा उन लोगों की तुलना में 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है जो नहीं सोते हैं। महिलाओं में यह खतरा 22 प्रतिशत तक रहता है। यदि रात में सोने की बात करें, तो यह खतरा उनमें अधिक रहता है जो रोजाना रात को छह घंटे से अधिक सोते हैं। हालांकि, दोपहर में एक घंटे से कम समय तक सोने से दिल की बीमारी के होने का खतरा नहीं रहता है।”

डॉ. पेन कहते हैं, “अध्ययन के नतीजों से पता चलता है कि 30 से 45 मिनट तक सोने से उन लोगों के दिलों की सेहत सुधरती है जो रात में पर्याप्त मात्र में नींद नहीं ले पाते हैं।“शोधकर्ताओं दावा किया है कि दोपहर में 30 से 45 मिनट की नींद पर्याप्त है। इससे अनिद्रा से होने वाली परेशानियां कम हो सकती हैं।

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