नई दिल्ली। केंद्र सरकार अपनी छह कंपनियों को बंद करने पर विचार कर रही है। साथ ही 20 कंपनियों (CPSEs) और उनकी यूनिट्स में हिस्सेदारी बेचने की भी तैयारी है। वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने सोमवार को लोकसभा में यह बात कही। एक लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि इन कंपनियों में रणनीतिक विनिवेश (strategic disinvestment) की प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है। सरकार स्ट्रैटजिक स्टेक सेल और माइनोरिटी स्टेक डाइल्यूशन के जरिए विनिवेश की नीति पर चल रही है।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि नीति आयोग ने सरकारी कंपनियों के विनिवेश के लिए कुछ शर्तें तय की हैं। इसके आधार पर सरकार ने 2016 से 34 कंपनियों में रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी है। इनमें से 8 मामलों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, 6 कंपनियों को बंद करने पर विचार किया जा रहा है और बाकी 20 में प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है। जिन कंपनियों को बंद करने पर विचार किया जा रहा है उनमें हिंदुस्तान फ्लोरोकार्बन लिमिटेड, स्कूटर्स इंडिया, भारत पंप्स एंड कम्प्रेसर्स लिमिटेड, हिंदुस्तान प्रीफैब, हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट और कर्नाटक एंड फार्मास्टूकिल्स लिमिटेड शामिल हैं।

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