सनातन हिन्दू पंचांग को वैदिक पंचांग कहा जाता है। इस पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बनता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण हैं। इस कॉलम के माध्यम से हम आपको दैनिक पंचांग में शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिन्दू मास एवं पक्ष आदि की जानकारी देने का प्रयास करते हैं।
रविवार, अक्टूबर २५, २०२० का पञ्चाङ्ग बरेली, भारत | |||
सूर्योदय: | ०६:१९ | सूर्यास्त: | १७:३३ |
हिन्दु सूर्योदय: | ०६:२३ | हिन्दु सूर्यास्त: | १७:२९ |
चन्द्रोदय: | १४:२६ | चन्द्रास्त: | २५:३० |
सूर्य राशि: | तुला | चन्द्र राशि: | मकर – १५:२७ तक |
सूर्य नक्षत्र: | स्वाती | ||
द्रिक अयन: | दक्षिणायण | द्रिक ऋतु: | हेमन्त |
वैदिक अयन: | दक्षिणायण | वैदिक ऋतु: | शरद |
हिन्दु लूनर दिनाँक | |||
शक सम्वत: | १९४२ शर्वरी | चन्द्रमास: | आश्विन – अमान्त |
विक्रम सम्वत: | २०७७ प्रमाथी | आश्विन – पूर्णिमान्त | |
गुजराती सम्वत: | २०७६ | पक्ष: | शुक्ल पक्ष |
तिथि: | नवमी – ०७:४१ तक | ||
नक्षत्र, योग तथा करण | |||
नक्षत्र: | धनिष्ठा – २८:२३ तक | योग: | गण्ड – २४:२९ तक |
प्रथम करण: | कौलव – ०७:४१ तक | ||
द्वितीय करण: | तैतिल – २०:१६ तक | ||
अशुभ समय | |||
दुर्मुहूर्त: | १६:०० – १६:४५ | वर्ज्य: | ०६:५६ – ०८:३९ |
राहुकाल: | १६:०६ – १७:२९ | गुलिक काल: | १४:४३ – १६:०६ |
यमगण्ड: | ११:५६ – १३:१९ | ||
शुभ समय | |||
अभिजित मुहूर्त: | ११:३४ – १२:१८ | अमृत काल: | १७:१४ – १८:५७ |
अन्य | |||
आनन्दादि योग: | मातङ्ग – २८:२३ तक | तमिल योग: | अमृत – २८:२३ तक |
राक्षस | मरण | ||
होमाहुति: | शुक्र – २८:२३ तक | अग्निवास: | पृथ्वी |
शनि | |||
निवास और शूल | |||
दिशा शूल: | पश्चिम में | राहु काल वास: | उत्तर में |
नक्षत्र शूल: | कोई नहीं | चन्द्र वास: | दक्षिण में १५:२७ तक |
पश्चिम में १५:२७ से | |||
चन्द्रबलम और ताराबलम | |||
निम्न राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम १५:२७ तक:मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, मकर, मीन *मिथुन राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्रउसके पश्चात – निम्न राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम अगले दिन सूर्योदय तक:मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, धनु, कुम्भ *कर्क राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्र | निम्न नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबलम २८:२३ तक:भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुनर्वसु, अश्लेशा, पूर्वाफाल्गुनी, हस्त, स्वाती, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढा, श्रवण, शतभिषा, पूर्व भाद्रपद, रेवती उसके पश्चात – निम्न नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबलम अगले दिन सूर्योदय तक:अश्विनी, कृत्तिका, मॄगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, मघा, उत्तराफाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढा, धनिष्ठा, पूर्व भाद्रपद, उत्तर भाद्रपद | ||
पञ्चक रहित मुहूर्त एवं उदय-लग्न | |||
आज के दिन के लिए पञ्चक रहित मुहूर्त:०६:२३ – ०७:४१ रज पञ्चक ०७:४१ – ०८:०५ शुभ मुहूर्त ०८:०५ – १०:२४ चोर पञ्चक १०:२४ – १२:२८ शुभ मुहूर्त १२:२८ – १४:१० रोग पञ्चक १४:१० – १५:३८ शुभ मुहूर्त १५:३८ – १७:०३ मृत्यु पञ्चक १७:०३ – १८:३९ रोग पञ्चक १८:३९ – २०:३४ शुभ मुहूर्त २०:३४ – २२:४९ मृत्यु पञ्चक २२:४९ – २५:०९ अग्नि पञ्चक २५:०९ – २७:२६ शुभ मुहूर्त २७:२६ – २८:२३ रज पञ्चक २८:२३ – २९:४२ शुभ मुहूर्त २९:४२ – ३०:२४ चोर पञ्चक | आज के दिन के लिए उदय-लग्न मुहूर्त:०६:२३ – ०८:०५ तुला ०८:०५ – १०:२४ वृश्चिक १०:२४ – १२:२८ धनु १२:२८ – १४:१० मकर १४:१० – १५:३८ कुम्भ १५:३८ – १७:०३ मीन १७:०३ – १८:३९ मेष १८:३९ – २०:३४ वृषभ २०:३४ – २२:४९ मिथुन २२:४९ – २५:०९ कर्क २५:०९ – २७:२६ सिंह २७:२६ – २९:४२ कन्या २९:४२ – ३०:२४ तुला | ||
दैनिक उपवास और त्यौहार | |||
दुर्गा पूजा,आयुध पूजा,दक्षिण सरस्वती पूजा,बंगाल महा नवमी,दशहरा,विजयदशमी, |