लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 45 हजार करोड़ रुपये के निवेश का रास्ता साफ हो गया है। ये प्रस्ताव भारतीय कंपनियों के साथ ही अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, कनाडा, दक्षिण कोरिया आदि की कंपनियां की ओर से आए हैं। इनमें कई कंपनियों को जमीन भी आवंटित हो गई है। इन औद्योगिक इकाइयों में 1,35,362 लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा। खास बात यह है कि ये सभी प्रस्ताव कोरोना काल में मिले हैं।
औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन एवं औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने शुक्रवार को लोकभवन में मीडिया को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन कंपनियों में हीरानंदानी ग्रुप, सूर्या ग्लोबल, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एमजी कैप्सूल्स, केशो पैकेजिंग, माउंटेन व्यू टेक्नॉलॉजी आदि शामिल हैं। इन कंपनियों को औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने निवेश परियोजनाओं के लिए लगभग 426 एकड़ जमीन (326 भूखंड) आवंटित की है।
उन्होंने बताया कि निवेशकों की सुविधा के लिए 52 प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया है। प्रदेश ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में 12 अंक की छलांग लगाकर देश में दूसरे स्थान पर आ गया है। नीतियों में सुधार, भूमि आवंटन व पिछड़े क्षेत्रों में निवेश प्रोत्साहन के कई नए कदम उठाए गए हैं। इसके अलावा इन्वेस्टर्स समिट से जुड़े एमओयू के क्रियान्वयन को लेकर भी फोकस काम हो रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों खासकर पूर्वांचल और मध्यांचल में कई निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
दोनों अधिकारियों ने बताया किराज्य सरकार ने औद्योगिक विकास के लिए यमुना एक्सप्रेसवेज़ के किनारे लगभग 22,000 एकड़ भूमि चिन्हित की है। इसके अंतर्गत फिरोजाबाद, आगरा, उन्नाव, चित्रकूट, मैनपुरी और बाराबंकी जिलों में छह उच्च संभावना वाले स्थानों की पहचान की गई है।
ग्रेटर नोएडा में एमएसएमई पार्क, इलेक्ट्रॉनिक्स पार्क, परिधान पार्क, हस्तशिल्प पार्क और खिलौना पार्क भी इस क्षेत्र में प्रस्तावित हैं। जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, फिल्म सिटी और इलेक्ट्रानिक सिटी भी बनेगा। इन परियोजनाओं में 40,000 करोड़ रुपये के निवेश और लगभग 2.5 से 3 लाख रोजगार की संभावना है।
ये हैं प्रमुख निवेशक और निवेश
-हीरानंदानी ग्रुप ग्रेटर नोएडा में 20 एकड़ जमीन पर उत्तर भारत का सबसे बड़ा डाटा सेंटर बनाएगा। इस पर 750 करोड़ का खर्च होगा।
-ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज वाराणसी में 300 करोड़ रुपये की लागत से एकीकृत खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगाएगी।
-ब्रिटेन की एसोसिएटेड ब्रिटिश फूड बरगढ़ (चित्रकूट) में 750 करोड़ रुपये खर्च कर खमीर मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाएगी।
-डिक्सन टेक्नोलॉजीज़ नोएडा-ग्रेटर नोएडा में कन्ज़्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स पर 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
-जर्मनी की वॉन वेलिक्स कंपनी यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण और आगरा में फुटवियर उत्पादन के लिए 300 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
-सूर्या ग्लोबल फ्लेक्सी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण में पीओपीपी, बीओपीईटी, मेटालाइज़्ड फिल्म्स प्रोडक्शन प्लांट में 953 करोड़ का निवेश किया जाएगा।
-ब्रिटेन की मैक सॉफ्टवेयर (यूएस) नोएडा में सॉफ्टवेयर विकास के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
-कनाडा की कंपनी एकैग्रेटा इंक लखनऊ में अनाज अवसंरचना उपकरण प्लांट पर 746 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
-दक्षिण कोरिया की एडिसन मोटर्स लखनऊ या नोएडा में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण प्लांट लगाएगी। इस पर 750 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है।
-जापानी कंपनी याज़ाकी वायरिंग हारनेस एवं कम्पोनेंट्स में 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी।