मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को पेश द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा। वहीं केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत गिरावट आने का नया अनुमान व्यक्त किया है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने कहा कि पर्याप्त लिक्विडिटी सुनिश्चित करने, वैश्विक अनिश्चितता से निपटने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए उदार रुख को कायम रखते हुए वह कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए आगे भी नीतिगत दर में कटौती समेत हर संभव कदम उठाएगा।
आरबीआई के फैसले से उत्साहित सेंसेक्स में जमकर लिवाली देखी गई और यह पहली बार 45,000 के पार पहुंच गया। सुबह 10:45 बजे सेंसेक्स 365.45 अंकों की बढ़त के साथ 44,998.10 और निफ्टी 107.40 अंकों की तेजी के साथ 13,241.30 अंक पर कारोबार कर रहे थे। निफ्टी के 50 शेयरों में से 41 शेयर हरे निशान और 9 शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति के उच्च स्तर को देखते हुए एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने आम सहमति से नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय किया। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये जरूरी कदम उठाये जाएंगे। एमपीसी के आज के निर्णय से जहां रेपो दर 4 प्रतिशत पर बरकरार है, वहीं रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर बनी रहेगी।
मार्च से 1.15 प्रतिशत की कटौती
इससे पहले, केंद्रीय बैंक आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये मार्च से रेपो दर में 1.15 प्रतिशत कटौती कर चुका है आर्थिक वृद्धि के अनुमान के बारे में दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में इसमें 7.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी। तीसरी तिमाही और चौथी तिमाही में इसमें क्रमश: 0.1 प्रतिशत और 0.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया गया है।
प्रमुख घोषणाएं
- आरटीजीएस सिस्टम अगले कुछ दिन में 24X7 उपलब्ध होगा। जनवरी से कॉन्टैक्टलेस कार्ड्स से ट्रांजैक्शन की सीमा को दो हजार से बढ़ाकर पांच हजार रुपये किया जाएगा।
- वाणिज्यिक, सहकारी बैंक वित्त वर्ष 2019-20 का लाभ अपने पास बनाए रखेंगे और फिलहाल किसी तरह के लाभांश का भुगतान नहीं करेंगे।
- सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय बैंक उपयुक्त समय पर विभिन्न तरह के इंस्ट्रुमेंट्स का इस्तेमाल जारी रखेगा।
- आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के 6.3 फीसद और चौथी तिमाही में 5.8 फीसद पर रहने का अनुमान जताया है।
- आरबीआई गवर्नर ने कहा, ”महंगाई दर के ऊंची बने रहने की संभावना है। व्यापक रिकवरी में अभी समय लगेगा। हालांकि, प्रोएक्टिव सप्लाई मैनेजमेंट के लिए थोड़ी गुंजाइश बची हुई है।”
- भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर में 7.5 प्रतिशत के संकुचन का अनुमान जताया है। केंद्रीय बैंक ने इससे पहले अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशथ के संकुचन का अनुमान जताया था।
- केंद्री. बैंक ने तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर के 0.1 फीसद और चौथी तिमाही में 0.7 फीसद पर रहने का अनुमान जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था में 7.5 फीसद का संकुचन देखने को मिल सकता है।
- दास ने बताया कि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) दर और बैंक दर 4.25 फीसद पर यथावत हैं। वहीं, रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसद पर बना हुआ है।
- शक्तिकांत दास ने कहा कि MPC ने मुद्रास्फीति को तय लक्ष्य के भीतर रखने के साथ टिकाऊ वृद्धि को रिवाइव करने और कोविड-19 के असर को कम करने के लिए मौद्रिक नीति को जरूरत के हिसाब से ‘उदार’ रखने का फैसला किया है। यह चालू वित्त वर्ष में और अगले वर्ष तक जारी रह सकता है।