नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी आंदोलन के बीच बुधवार को नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट ने गन्ना किसानों की सीधी मदद के लिए उनके खातों में सब्सिडी की राशि जमा कराने को मंजूरी दे दी है। यह सब्सिडी 6,000 रुपये प्रति टन के हिसाब से 60 लाख टन चीनी निर्यात पर दी जाएगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की।
जावड़ेकर ने बताया कि निर्यात से होने वाली आय किसानों के खातों में सब्सिडी के रूप में जमा होगी। पहले घोषित हुई 5361 करोड़ की सब्सिडी एक हफ्ते में किसानों के खातों में जमा होगी। इसके अलावा 3500 करोड़ की आज घोषित हुई सब्सिडी भी किसानों के खातों में जमा होगी। उन्होंने कहा कि 5 करोड़ किसान और उनके परिवारीजन इससे लाभान्वित होंगे। साथ ही पांच लाख मजदूरों को भी इससे फायदा होगा।
प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक, इस साल चीनी का उत्पादन 310 लाख टन होगा, जबकि देश की खपत 260 लाख टन है। चीनी के दाम कम होने की वजह से किसान और उद्योग संकट में है। इसके मद्देनजर 60 लाख टन चीनी निर्यात करने और निर्यात को सब्सिडी देने का फैसला किया गया है।
जावड़ेकर ने बताया कि आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन और वितरण तंत्र को मजबूत करने के लिए छह राज्यों के लिए उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विद्युत प्रणाली सुधार परियोजना के संशोधित लागत अनुमान को मंजूरी दे दी है। आज बुधवार को ही पावर रेगुलेटरी मैकेनिज्म इन इंडिया और पावर रेगूलेटर्स ऑफ अमेरिका के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर भी हुए हैं।
स्पेक्ट्रम नीलामी का फैसला
इन्फॉर्मेशन टेक्नालॉजी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में स्पेक्ट्रम की नीलामी का फैसला लिया गया है। कुल 2251.25 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम की नीलामी होगी। इसका कुल मूल्य 3,92,332.70 करोड़ रुपये है।
उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने 700, 800, 900 ,1800, 2100, 2300, 2500 मेगाहर्ट्ज फ्रिक्वेंसी बैंड्स में स्पेक्ट्रम की नीलामी का फैसला लिया है। इसकी वैधता अवधि 20 साल की होगी। पिछली नीलामी 2016 में हुई थी। स्पेक्ट्रम नीलामी की शर्ते साल 2016 की नीलामी के समान ही होंगी।