जींद (हरियाणा)। जींद के गांव कंडेला में किसान महापंचायत में हादसा हो गया। जिस मंच से भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत किसानों को संबोधित कर रहे थे, वह गिर गया। मंच पर कई अन्य किसान नेता भी मौजूद थे। हादसे में टिकैत समेत कुछ नेताओं को मामूली चोट आई है। महापंचायत में कई खाप नेताओं ने भी हिस्सा लिया। इसका आयोजन टेकराम कंडेला की अगुवाई में सर्व जातीय कंडेला खाप ने किया था। गौरतलब है कि करीब दो दशक पहले हरियाणा में किसानों का आंदोलन चलाने वाली कंडेला खाप ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को अपना समर्थन दिया है।
हादसे से पहले महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार की किलेबंदी अभी तो एक नमूना है। आने वाले दिनों में इसी तरह से गरीब की रोटी पर किलेबंदी होगी। रोटी तिजोरी में बंद न हो, इसके लिए ही यह आंदोलन शुरू किया गया है। अभी सरकार को अक्टूबर तक का वक्त दिया गया है। आगे जैसे भी हालात रहेंगे, उसी हिसाब से अगली रणनीति पर किसान चर्चा करेंगे।
“हमने कभी लाल किले पर जाने की बात नहीं कही”
खुद पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होने की बात पर राकेश टिकैत ने कहा, “जब तक आंदोलन चल रहा है चलता रहेगा। उसके बाद जेल में रहूंगा’। मीडिया ने लालकिले पर धार्मिक झंडा लगाने की घटना पर सवाल किया तो टिकैत ने कहा कि यह सब सरकार की मिली-भगत थी।”
टिकैत ने कहा कि पिछले 35 साल से किसानों के हित में आंदोलन करते आ रहे हैं। हमने संसद घेरने की बात भले ही कही पर लालकिले पर जाने की न तो कभी बात कही और न ही हम गए। 26 जनवरी को लालकिले पर जाने वाले लोग किसान नहीं थे और जो थे, वे सरकार की साजिश का हिस्सा थे। उन्हें आगे जाने दिया गया तो वे गए।
महापंचायत में पारित किए गए 5 प्रस्ताव
- तीनों केंद्रीय कृषि कानून रद्द किए जाएं
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP, एमएसपी) पर कानून जामा पहनाया जाए।
- स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू किया जाए।
- किसानों का कर्जा माफ किया जाए।
- 26 जनवरी को पकड़े गए किसानों को रिहा किया जाए और जब्त किए गए ट्रैक्टरों को छोड़ा जाए। दर्ज मुकदमे वापस लिये जाएं।