श्रीनगर। श्रीनगर के हब्बा कदल इलाके में स्थित शीतलनाथ मंदिर के कपाट 31 साल बाद खुले। यहां मंगलवार को वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर फिर मंत्रोच्चार सुनाई दिया। कश्मीर घाटी में आतंकवाद की शुरुआत और हिंदू विरोधी माहौल बनने के बाद से यह मंदिर बंद था।

संतोष राजदान ने बताया कि मंदिर को फिर से खोलने में स्थानीय लोगों से खासतौर पर मुस्लिम समुदाय का काफी सहयोग मिला। उन्होंने बताया कि लोग यहां पूजा करने आते थे लेकिन आतंकवाद के कारण इस मंदिर को बंद कर दिया गया था। आसपास रहने वाले हिंदू भी पलायन कर गए थे। ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हमारी मदद की।

शीतलनाथ मंदिर में पूजा करा रहे रविंदर राजदान ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस पहल के लिए हमें जरूरी मदद की। वे मंदिर की सफाई के लिए आगे आए और पूजा का सामान भी लाये। पहले हम हर साल वसंत पंचमी पर पूजा करते थे। बाबा शीतलनाथ भैरव की जयंती वसंत पंचमी पर आती है। यही कारण है कि हम इस दिन को धूमधाम से मनाते हैं।

आतंकी घटनाओं में कमी आई

5 अगस्त 2019 में धारा 370 खत्म किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकी हिंसा और पत्थरबाजी की घटनाओं में काफी कमी आई है। 8 फरवरी को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में बताया था कि 2019 में 157 आतंकवादी ढेर किए गए थे। 2020 में यह संख्या बढ़कर 221 हो गई। 2019 में आतंकवादी हिंसा के 594 मामले थे, जो 2020 में घटकर 244 हो गए। 2020 में पत्थरबाजी की 327 घटनाएं हुईं। 2019 में ऐसी 2009 घटनाएं दर्ज की गई थीं।

1987 के बाद घाटी में फैला आतंकवाद

कश्मीर में 1987 के एक विवादित चुनाव के बाद बड़े पैमाने पर आतंकवादी घटनाओं की शुरूआत हुई। इन आतंकियों को पाकिस्तान का समर्थन मिला। इस वजह से घाटी में हिंदू विरोधी माहौल बना और कश्मीरी पंडितों को पलायन करना पड़ा है। एक अनुमान के मुताबिक, घाटी में 50 हजार मंदिर बंद कर दिए गए थे। 2019 में केंद्र सरकार ने इन्हें दोबारा खुलवाने का ऐलान किया था।

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