बरेली। कोरोना महामारी से जूझ रहे श्यामगंज के कारोबारियों के सामने नयी समस्या पैदा हो गई है। परेशानी यह है कि बांसमंडी इलाके के लिए स्वीकृत देसी शराब की दुकान यहां लाकर खोल दी गई है। इससे श्यामगंज के कारोबारी भड़क गए हैं। उन्होंने दो टूक कह दिया है कि वे किसी भी कीमत पर यहां शराब की दुकान नहीं खुलने देंगे। शिकायत मिलने पर आबकारी विभाग की टीम ने मौके पर जाकर लोगों से बातचीत की। व्यापारी शनिवार को अधिकारियों से मिलकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे।
समस्या की जड़ बनी यह सरकारी देसी मदिरा की दुकान बांसमंडी क्षेत्र के लिए मंजूर हुई थी लेकिन लाइसेंसी ने यह दुकान बांसमंडी के बजाय शुक्रवार को श्यामगंज में एक पेंट स्टोर के बराबर में खोल दी, जबकि श्यामगंज क्षेत्र में पहले से ही एक दुकान है। अब यह थोपी गई दुकान समस्या बन रही है।
दरअसल श्यामगंज थोक व्यापार की बड़ी मंडी है। यहां किराना से लेकर हार्डवेयर आदि का बड़े पैमाने पर कारोबार होता है। यहां जिले के बाहर से भी व्यापारी आते-जाते हैं और मोटी रकम का आदान-प्रदान होता है। व्यापारियों को आशंका है कि शराब की दुकान खुलने से असामाजिक तत्वों की सक्रियता बढ़ेगी तो जाहिर है झगड़ा- फसाद और लूटपाट की वारदात भी बढ़ेंगी। एक साल से कोराना ने ही व्यापार काफी कमजोर कर रखा है, ऐसे में वे स्थानीय स्तर पर किसी तरह का जोखिम उठाने की स्थिति में नहीं हैं। यही वजह है कि यहां दूसरे इलाके की मदिरा की दुकान खुलते ही वे भड़क गए। शुक्रवार को दोपहर तमाम व्यापारी इकट्ठा होकर दुकान मालिक कचौड़ी वालों के यहां पहुंच गए और शराब कारोबार के लिए दुकान किराए पर देने का विरोध किया। उनसे यह किराएदारी वापस लेने का अनुरोध भी किया। कचौड़ी वालों ने आश्वासन तो दिया लेकिन किरायेनामे को लेकर मुश्किल भी जता दी। व्यापारियों के आक्रोश की खबर आबकारी विभाग तक पहुंची तो अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने भी माना कि दुकान निर्धारित स्थान पर नहीं है। उन्होंने व्यापारियों से इस अवैध दुकान हटवाने के लिए कार्रवीई की बात कही है।
अजय कुमार अग्रवाल, पुनीत खंडेलवाल, रमेश बाबू, अवधेश बाबू, संतोष अग्रवाल, सुमित अग्रवाल, डीके आदि व्यपरियों ने शनिवार को दुकान मालिक से बात करने और बात न बनी तो प्रशासनिक अधिकारियों से मिलने का निर्णय लिया है।