तेलअबीब/गाजा सिटी। 11 दिन चले युद्ध के बाद आखिरकार इजराइल और फिलिस्तीन युद्धविराम (Ceasefire) पर सहमत हो गए। गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात करीब 2 बजे (भारतीय समय के अनुसार) हमास (इजराइल इसे आतंकी संगठन बताता है) ने भी इसकी पुष्टि कर दी।  इस युद्ध में अब तक करीब ढाई सौ लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। सबसे ज्यादा जान-माल का नुकसान गाजा पट्टी में हुआ है। यहां कम से कम 227 लोगों की मौत हुई। यहीं से हमास अब तक इजराइल पर रॉकेट हमले करता रहा है। गौरतलब है कि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को युद्धविराम की संभावना को खारिज कर दिया था।

युद्धविराम की पुष्टि करते हुए इजराइल की तरफ से एक बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, इंटरनल सिक्योरिटी चीफ और खुफिया एजेंसी मोसाद के प्रमुख भी शामिल हुए। इसमें इजिप्ट के उस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श हुआ जिसमें हमास के साथ जारी संघर्ष को रोकने का ऑफर दिया गया था। युद्धविराम के लिए कोई शर्त नहीं रखी गई है। इस पर दोनों पक्ष सहमत हैं। युद्धविराम शुक्रवार से शुरू होगा। इसके समय के बारे में जानकारी बाद में दी जाएगी। वहीं हमास ने बहुत छोटा बयान जारी किया। इसमें कहा गया है कि दोनों पक्ष संघर्ष बंद करने पर पर सहमत हो गए हैं। इसकी शुरुआत शुक्रवार से होगी।

हमास अब तक इजराइल पर तीन हजार से ज्यादा रॉकेट दाग चुका है। जवाब में इजराइली एयरफोर्स के हमलों ने गाजा पट्टी को मलबे के ढेर में तब्दील कर दिया था। दो दिन से युद्ध की तेजी कुछ कम हुई। सोमवार के बाद मंगलवार को भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बातचीत की थी। अमेरिकी डिप्लोमैट्स ने इजिप्ट और सऊदी अरब के जरिए इस बार हमास से भी संपर्क किया।

गाजा में रहने वालों की चिंता

हमास का बेस फिलिस्तीन के गाजा में ही है। यहां उसने सैकड़ों सुरंगें बनाई हैं। हमास के लोग रॉकेट फायर करने के बाद इन्हीं में छिप जाते हैं। 7 साल बाद हुई इस जंग में इजराइल ने इनमें से ज्यादातर सुरंगें तबाह कर दीं लेकिन इसके पहले यहां रहने वाले 20 लाख लोगों की जिंदगी भी तबाह हो चुकी है। गाजा में इस वक्त न तो बिजली है, न पानी और न अस्पताल।

अमेरिका रहा ज्यादा सक्रिय

युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन दो बार नेतन्याहू से बात कर चुके थे। जर्मनी के विदेश मंत्री ने भी इजराइली पीएम से बात की। सऊदी अरब और इजिप्ट के प्रभाव का भी बाइडेन ने इस्तेमाल किया। यही वजह है कि इजराइल के साथ हमास पर भी भारी दबाव पड़ रहा था। इजराइल का दावा है कि उसने हमास के 130 लोगों को मार गिराया है। वर्ल्ड मीडिया का दावा है कि युद्ध में 60 बच्चों की भी मौत हुई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, हमास ने गुरुवार को भी इजराइल पर 70 रॉकेट दागे, हालांकि इजराइल के एयर डिफेंस सिस्टम ने एक भी रॉकेट को अपनी जमीन पर नहीं गिरने दिया। इजराइल ने गाजा पट्टी के 1 हजार से ज्यादा टारगेट को तबाह किया है। अब यहां सिर्फ मलबा नजर आता है।

227 फिलिस्तीनियों की मौत

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक 64 बच्चों और 38 महिलाओं समेत कम से कम 227 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और 1,620 लोग घायल हुए हैं। हमास और इस्लामिक जिहाद ने अपने कम से कम 20 लड़ाकों के मारे जाने की बात कही है जबकि इजराइल का कहना है कि उग्रवादी संगठनों के कम से कम 130 लड़ाके मारे गए हैं। युद्ध के चलते करीब 58,000 फलस्तीनी अपने घरों को छोड़कर जा चुके हैं।

हमास के हमलों में इजराइल में 5 साल के एक लड़के, 16 साल की एक लड़की और एक सैनिक समेत 12 लोगों की मौत हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इजराइली हमलों में कम से कम 18 अस्पताल और क्लिनिक नष्ट हुए हैं।

गाजा अब धरती पर बच्चों के लिए नर्क

सीजफायर के ऐलान के पहले संयुक्त राष्ट्र (UN) के प्रमुख एंतोनियो गुतेरेस ने गुरुवार को एक भावुक बयान में कहा था कि गाजा इस धरती पर बच्चों के लिए नर्क बन गया है। इसके साथ ही उन्होंने इजराइल से कहा कि वो गाजा पट्टी में अपनी कार्रवाई रोके। गुतेरेस ने यह बात 193 सदस्यों वाली जनरल असेंबली में कहीं। इस दौरान गाजा में हमलों पर चिंता भी जताई। उन्होंने कहा कि जंग में गाजा को भारी नुकसान हुआ है। बुनियादी व्यवस्थाएं तबाह हो गई हैं। वहां स्वास्थ्य सुविधाएं तो छोड़िए, बिजली और पानी की आपूर्ति भी ठप हो चुकी है।

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