एक्जिमा एक चर्म रोग है। शरीर में जिस भी स्थान पर एक्जिमा होता है वहां बहुत अधिक खुजली होती है। खुजली करते-करते कभी-कभी खून भी निकल आता है। आमतौर पर लोग ऐलोपैथिक दवाओं से एक्जिमा का इलाज करने की कोशिश करते हैं, लेकिन अक्सर ऐसा देखा जाता है कि एलोपैथिक दवाओं से एक्जिमा का पूरी तरह उपचार (home remedies for eczema) नहीं हो पाता है।
ऐसे में आप आयुर्वेदिक उपाय को आजमा सकते हैं। यह ना सिर्फ एक्जिमा को खत्म करने में सहायता करता है बल्कि अनेक तरह के चर्म रोगों में भी काम आता है।
एक्जिमा क्या होता है? (What is Eczema in Hindi?)
एक्जिमा खुजली का रोग (eczema kya hai) है, लेकिन यह सामान्य खुजली से अलग होता है। एक्जिमा त्वचा रोगों में होने वाली सबसे आम समस्या है। यह एक ऐसा त्वचा विकार है, जो पूरे विश्व में लगभग सभी को प्रभावित करता है। एक्जिमा होने पर शरीर में तेज खुजली आती है और शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने लगते हैं। यह रोग वंशानुगत रूप से भी होता है।
एक्जिमा के लक्षण (Symptoms of Eczema or Itching)
ये एक्जिमा के लक्षण हो सकते हैंः-
- बहुत खुजली होना।
- खुजाने से त्वचा पर लाल चकत्ते, एवं छोटी-छोटी फुंसिया उभर जाना। कभी-कभी सफेद प्लेक बनना।
- तेज खुजली होने पर खुजलाने से खून भी निकलने लगता है।
- त्वचा पर जलन होना।
- चिड़चिड़ापन एवं अवसाद।
एक्जिमा के कारण (Causes of Eczema or Itching)
निम्न कारणों से एक्जिमा रोग होता हैः-
- एक्जिमा का सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन माना जाता है कि यह वंशानुगत (अनुवांशिक) तथा वातवरणीय एवं पर्यावरणीय कारणों से होता है। देखा जाता है कि माता-पिता या माता-पिता में से किसी एक को एक्जिमा रोग है, तो यह संतान को भी प्रभावित करता है।
- बैक्टीरियल संक्रमण के कारण भी एक्जिमा होता है। यह मुख्यतः स्टेफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है।
- किसी प्रकार की एलर्जी के कारण जैसे- डैंड्रफ, मोल्ड, पराग कण, घरेलू जानवरों के संपर्क में आने, या धूल-मिट्टी के संपर्क में आने के कारण भी हो सकता है।
- ठंडे और गर्म तापमान में तुरन्त जाना, या नमीयुक्त और आर्द्रतायुक्त वातावरण के सम्पर्क में आने से भी हो सकता है।
- किसी विशेष खाद्य पदार्थ के प्रति एलर्जी होना जैसे- सोया उत्पाद, गेहूँ, नट्स, अण्डे, मछली, सीसम के बीज।
- निकेल या कॉपर जैसी धातुओं के आभूषण पहनना।
- तनाव भी एक कारण है। आमतौर पर तनाव एक्जिमा के लक्षणों को और बढ़ा देता है।
- साबुन या डिटर्जन्ट के कारण।
- महिलाओं में हार्मोन में उतार-चढ़ाव के कारण भी एक्जिमा होता है।
- महिलाओं में अक्सर मासिक धर्म और गर्भावस्था के दौरान एक्जिमा के लक्षण और तेज हो जाते हैं।
एक्जिमा, दाद और खुजली में अन्तर (Difference Between Eczema, Ringworm and Itching)
एक्जिमा, दाद और खुजली के लक्षणों में ये अंतर होता हैः-
एक्जिमा तीव्र खुजली के रूप में होने वाला रोग है। इसका सटीक कारण अभी तक पता नहीं चला है। यह लाल एवं सूखे चकत्तों के रूप में त्वचा में होता है।
दाद एक तरह का फंगल संक्रमण है, जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने, या उसके कपड़े और साबुन प्रयोग करने से होता है। यह त्वचा की बाहरी परत में फंगस परजीवी के कारण होता है। यह परजीवी बाहरी त्वचा की कोशिकाओं में पनपता है। यह गोल चकत्तों के रूप में होता है। इसी में खुजली होती है, और पपड़ी निकलती है।
खुजली सामान्य रूप से त्वचा में होने वाली किसी भी प्रकार की एलर्जी का लक्षण है। यह स्वयं एक रोग ना होकर दाद, एक्जिमा (atopic dermatitis in hindi), आदि चर्म रोगों का लक्षण है। कभी-कभी कुछ उत्तेजक वस्तुओं के सम्पर्क में आने से खुजली हो जाती है। कुछ समय बाद वह अपने आप ही ठीक हो जाती है।
एक्जिमा के प्रकार (Types of Eczema)
एक्जिमा कई तरह के होते हैं, जो ये हैंः-
एटॉपिक डर्मेटाइटिस (Atopic dermatitis)
यह एक्जिमा का सबसे आम रूप है। यह अक्सर बच्चों में देखा जाता है और व्यस्क होने पर दूर हो जाता है।
डिशिड्रोटिक एक्जिमा (Dyshidrotic eczema)
इसमें हाथों और पैरों में छोटे फफोले बन जाते हैं। यह महिलाओं में अधिक देखा जाता है।
न्यूरोडर्मेटाइटिस (Neurodermatitis)
यह एटॉपिक डर्मेटाइटिस (Atopic dermatitis in hindi) के ही समान है। इसमें त्वचा पर उभरे हुए प्लेकयुक्त चकत्ते बन जाते है।
न्यूमुलर एक्जिमा (Nummular eczema)
इसमें त्वचा पर सिक्के के आकार के चकत्ते बन जाते हैं। इसमें बहुत अधिक खुजली होती है।
कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस (Contact dermatitis)
यह किसी विशेष वस्तु को छूने से होता है। इसमें त्वचा पर खुजली एवं वह लाल हो जाते हैं।
एक्जिमा का घरेलू इलाज करने के लिए उपाय (Home Remedies for Eczema or Itching in Hindi)
आप इन उपायों से एक्जिमा का घरेलू इलाज (eczema ka ilaj)कर सकते हैंः-
नारियल के तेल से एक्जिमा का इलाज (Coconut Oil: Home Remedies for Eczema or Itching Treatment in Hindi)
- शरीर में एक्जिमा एक्जिमा वाले स्थान पर नारियल का तेल लगाएँ। इससे खुजली एवं लालिमा से राहत (home remedies for eczema) मिलती है।
- नारियल तेल में कच्चे कपूर को अच्छी प्रकार मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाएँ। एक्जिमा के घरेलू उपाय में नारियल तेल का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है।
शहद का प्रयोग कर एक्जिमा से पाये मुक्ति (Honey: Home Remedy to Cure Eczema or Itching in Hindi)
शहद में एंटी-इंफ्लामेंटरी (Anti-inflammatory) गुण होते हैं। इसे खुजली वाले प्रभावित स्थान पर लगाकर आधे घण्टे के लिए छोड़ दें। इसके बाद ठण्डे पानी से धो लें।
एलोवेरा से एक्जिमा का घरेलू इलाज (Aloe Vera: Home Remedy to Treat Eczema or Itching in Hindi)
एलोवेरा भी एंटी-इंफ्लामेंटरी (Anti-inflammatory) गुणों से भरपूर है, ये इलाज (eczema ka ilaj)में मदद करता है। ताजे एलोवेरा के पत्तों का पेस्ट निकालकर प्रभावित स्थान पर लगाएँ। इसे दो-तीन घण्टे तक ऐसे ही लगाकर छोड़ दें। ऐसा रोज करना चाहिए।
हल्दी से एक्जिमा का घरेलू उपचार (Turmeric: Home Remedies for Eczema or Itching Treatment in Hindi)
हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल (Anti-bacterial) और एंटी-इंफ्लामेंटरी (Anti-inflammatory) गुण होते हैं। हल्दी में दूध या गुलाब जल मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाएँ। 15-20 मिनट रखने के बाद ठण्डे पानी से धो लें। एक्जिमा का उपचार हल्दी से करना फायदेमंद साबित होता है।
तुलसी का प्रयोग कर एक्जिमा से मुक्ति (Tulsi: Home Remedy to Cure Eczema or Itching in Hindi)
तुलसी में मौजूद एंटी-माइक्रोबियल (Anti-microbial) गुण त्वचा को संक्रमण से छुटकारा दिलाता है, और खुजली और जलन को शान्त करता है। तुलसी की चाय पिएँ। इसके साथ ही तुलसी के पत्तों का रस निकालकर प्रभावित स्थान पर लगाएँ। कुछ देर लगे रहने के बाद पानी से धो लें।
एक्जिमा में अलसी से लाभ (Alsi: Home Remedies to Treat Eczema or Itching in Hindi)
अलसी के बीजों को पीसकर नींबू का रस मिलाएँ। अच्छी प्रकार मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाएँ। 15-20 मिनट रखकर ठण्डे पानी से धो लें।
त्रिफला और गिलोय से एक्जिमा का घरेलू उपचार (Triphala and Giloy: Home Remedies for Eczema or Itching Treatment in Hindi)
त्रिफला और गिलोय की छाल को लेकर दो गिलास पानी में उबालें। जब यह उबलकर आधा रह जाय, तब इसमें एक नींबू का रस मिला लें। इसे दिन में तीन बार पिएँ। एक महीने तक इसका लगातार सेवन करने से एक्जिमा रोग से छुटकारा(eczema treatment in hindi) मिल जाता है।
एक्जिमा में नीम से फायदा (Neem: Home Remedies to Cure Eczema or Itching in Hindi)
नारियल में नीम के पत्तों को डालकर तेल पका लें। इस तेल को ठण्डा कर लें, और प्रभावित स्थान पर लगाएँ। यह बहुत लाभ देता है।
एक्जिमा में बबूल से लाभ (Babool: Home Remedies for Eczema or Itching in Hindi)
बबूल के फूलों को पीसकर एक्जिमा पर लेप करें। यह बहुत फायदेमंद नुस्खा है। बेहतर परिणाम के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सा (eczema treatment in hindi) से परमार्श लें।
एक्जिमा में थूहर से लाभ (Thuhar: Home Remedies to Treat Eczema or Itching in Hindi)
थूहर के डण्डे को कूट कर पकायें। जब थूहर पूरी तरह जल जाये तो छान लें। ठण्डा होने पर शीशी में भर लें। नीम की पत्तियां डालकर खौलायें और पानी से साफ कर लें। रुई से रोज 3-4 बार इस तेल का प्रयोग करेंं। इससे पुराने से पुराना रोग एक सप्ताह में ही खत्म हो जाएगा।
एक्जिमा के दौरान आपका खान-पान ( Diet during Eczema Disease)
एक्जिमा के दौरान आपका खान-पान ऐसा होना चाहिएः-
एक्जमा के दौरान आपकी जीवनशैली ( Lifestyle during Eczema Disease)
एक्जमा (eczema in hindi)के दौरान आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
- गर्म पानी से नहाने की बजाय ठण्डे पानी से नहाएँ।
- अगर गर्म पानी से नहाना हो तो अधिक देर तक ना नहाएँ, क्योंकि इससे त्वचा का सूखापन बढ़ सकता है।
- केवल सूती कपड़े ही पहनें। गर्म एवं ऊनी कपड़े पहनने से बचें। इनसे खुजली की समस्या और बढ़ सकती है।
एक्जिमा में परहेज (Precaution tips for Eczema Disease)
एक्जिमा (eczema in hindi) होने पर ये परहेज करना चाहिएः-
- त्वचा पर कठोर साबुन या कैमिकल युक्त चीजों का प्रयोग ना करें।
- तनाव से दूर रहें। अत्यधिक तनाव लेना एक्जिमा के लक्षणों को और बढ़ावा देता है।
- अत्यधिक गर्मी और सर्दी से त्वचा को बचाएँ। बहुत तेज धूप में त्वचा को कपड़े से ढक कर रखें।
- ऐसे खाद्य पदार्थ जिनसे एलर्जी होने का खतरा रहता है जैसे- नट्स, सोया उत्पाद और गेहूँ आदि का सेवन ना करें।
- इसके अलावा जो खाद्य पदार्थ आपके एक्जिमा को बढ़ाते हैं उनका सेवन बिल्कुल ना (home remedies for eczema) करें।
एक्जिमा से जुड़े सवाल-जवाब (FAQ Related Eczema)
एक्जिमा क्यों होता है?
आयुर्वेद में तीन दोष माने गए हैं- वात, पित्त एवं कफ। इन तीन दोषों के संतुलन से ही शरीर सही प्रकार से कार्य करता है, एवं इनके असंतुलन के कारण ही कोई भी रोग उत्पन्न होता है। सभी रोग इन तीनों दोषों के दूषित होने, और इनके घटने या बढ़ने से होते हैं। एक्जिमा रोग में तीनों दोषों की दुष्टि पाई जाती है। अनुचित खान-पान एवं जीवनशैली के कारण दोष विकृत होकर रक्त को दूषित करते हैं, और त्वचा रोगें को उत्पन्न करते हैं जिस कारण एक्जिमा रोग होता है।
एक्जिमा होने पर डॉक्टर से कब सम्पर्क करना चाहिए? (When to Contact a Doctor?)
एक्जिमा रोग (eczema in hindi) एलर्जी और खुजली के लक्षणों से युक्त एक गम्भीर स्थिति है। इसमें अत्यधिक खुजली के कारण प्रभावित स्थान पर सूजी हुई सतह, लाल एवं प्लेकयुक्त हो जाती है। उपचार ना किए जाने पर कई बार खुजाने से खून भी निकल आता है। इसके कारण व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी एवं चिड़चिड़ापन आ जाता है। एक्जिमा के लक्षणों में तुरन्त घरेलू उपचार अपनाना चाहिए और इनसे आराम ना मिलने पर डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।