नई दिल्ली। नरेंद्रमोदी सरकार ने सरकारी बैंकों के पेंशनभोगियों (Sarkari Bank Pensioner) को त्योहारी सीजन से पहले ही बड़ा उपहार दिया है। उनकी परिवार पेंशन में भारी वृद्धि की गई है। अब परिवार को बैंककर्मी की मौत के बाद आखिरी वेतन के 30 प्रतिशत के बराबर पेंशन मिलेगी.
केन्द्र सरकार के इस फैसले के बाद मृत बैंककर्मियों के परिवार को मिलने वाली पेंशन 30,000 से 35,000 रुपये तक हो जाएगी। पहले इस पर 9,284 रुपये की कैप थी। वित्त सेवा सचिव देवाशीष पांडा ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी।
.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दो दिवसीय मुम्बई दौरे पर हैं। बुधवार को उन्होंने सरकारी बैंकों के कामकाज की वार्षिक समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने सरकारी बैंकों के कामकाज की वार्षिक समीक्षा की। इस दौरान सरकारी बैंकों के संबंध में लिये गए निर्णयों की जानकारी देने के लिए उन्होंने ने प्रेस से बात की।
न्यू पेंशन सिस्टम में बढ़ेगा बैंकों का योगदान
केन्द्र सरकार ने सरकारी बैंकों के कर्मचारियों के पेंशन फंड में भी योगदान बढ़ाने का निर्णय किया है। न्यू पेंशन न्यू पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत अभी बैंक कर्मियों के पेंशन फंड में 10 प्रतिशत योगदान वे खुद करते हैं और 10 प्रतिशत सरकारी बैंक यानी कि नियोक्ता। अब बैंकों की तरफ से होने वाले योगदान को 14% करने का निर्णय किया गया है।
वित्तीय क्षेत्र को अच्छे बैंकिंग सपोर्ट की जरूरत
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र (Fintech sector) को अच्छे बैंकिंग सपोर्ट की जरूरत है। कई ऐसे सेक्टर उभर रहे हैं, जिन्हें बैंकों से पूंजी का सहारा चाहिए। बैंकों से कहा गया है कि वे पूर्वोत्तर राज्यों के लिए अच्छी योजना लेकर आएं। उन्हें राज्यवार प्लान बनाकर देना चाहिए ताकि वहां निर्यात और दूसरे काम को बढ़ावा मिल सके।
निर्मला सीतारमण ने बताया कि पूर्वी भारत में जमा में इजाफा हुआ। लेकिन हमें ऋण (Loan) की जरूरतें भी पूरी करनी हैं। राज्स्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि डायरेक्ट ओवरसीज लिस्टिंग पर अभी बातचीत चल रही है। बैंकों को स्ट्रैटेजिक सेक्टर में अपनी उपस्थिति बढ़ानी होगी।
इससे पहले वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने मंगलवार को कहा था कि सरकार बैंक गारंटी के विकल्प के तौर पर बीमा बांड पेश करने पर विचार कर रही है। सोमनाथन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उद्योग प्रमुखों की बैठक के दौरान यह घोषणा की। बैंक गारंटी आमतौर पर ऋण देते समय मांगी जाती है और सामान्य रूप से गिरवी संपत्ति के तौर पर इसकी जरूरत होती है। एक बीमा बांड भी गारंटी की तरह है लेकिन इसके लिए किसी प्रकार की रहन की जरूरत नहीं होती।