BareillyLive : खुशलोक हॉस्पिटल में एक 14 माह के बच्चे दलवीर की जटिल सर्जरी की गई। इस सर्जरी को पीडियाट्रिक सर्जन डॉ संदीप अग्रवाल व उनकी टीम द्वारा किया गया। इसी संदर्भ मे जानकारी देने के लिए खुशलोक सभागार में एक प्रेस वार्ता की गयी जिसमें इस के बारे में डॉ संदीप अग्रवाल ने बताया कि 14 माह का बच्चा दलवीर जिसका वजन 7 kg था खुशलोक हॉस्पिटल में भर्ती हुआ। इस बच्चे को बहुत ही कम होने वाली बीमारी “प्योर एसोफिजियल अट्रेसिया” जिसमे छाती के अंदर खाने की नलियां जन्म से ही मौजूद नही होती हैं, थी। इस बच्चे के जन्म के समय खाने का रास्ता बनाया गया फिर 14 माह बाद इस बच्चे की बहुत ही कठिन सर्जरी जिसे “गैस्ट्रिक पुलअप” कहते हैं की गई। इस सर्जरी में छाती के अंदर ही पूरा एसोफेगस बनाया गया। यह अपने आप मे एक चुनौतीपूर्ण काम है। एम्स जैसे बड़े अस्पताल में तीन बार दिखाने के बाद भी बच्चे का वजन कम होने के कारण इस सर्जरी को करने से मना कर दिया गया था लेकिन मैंने अपनी टीम के साथ इस चुनौतीपूर्ण कार्य को करने का साहस दिखाया व सफलता पूर्वक इस काम को किया। हमारी टीम में डॉ प्रियंका अग्रवाल चाइल्ड क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ, डॉ ललित पागरानी बच्चों के फिजिशियन मौजूद थे।

इस सर्जरी के समय ह्रदय की धड़कन के अनियंत्रित होना व फेफड़ो में हवा भर जाना रहता है जिसकी वजह से मरीज की जान जाने का खतरा भी होता है इन सभी कठिनाइयों को समझते हुए भी 4 घण्टे चली इस मैराथन सर्जरी को सकुशल बिना किसी समस्या के किया गया। बच्चा अब स्वस्थ है व अपने मुंह से ही अपना आहार ले पा रहा है। खुशलोक हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ विनोद पागरानी ने बताया कि इस तरह की सर्जरी देश के गिने चुने संस्थानों में ही की जाती है। लेकिन अब ये काम आपके शहर के खुशलोक हॉस्पिटल में भी डॉ संदीप अग्रवाल पीडियाट्रिक सर्जन द्वारा किया जा रहा है। विशेष बात यह है कि ये सर्जरी आयुष्मान भारत योजना के तहत की गई। खुशलोक हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड द्वारा अग्रणी कार्य किया जा रहा है जिसमे कूल्हे, घुटने का प्रत्यारोपड, पथरी व पित्त का आपरेशन, छोटे बच्चों की छोटे चीरे द्वारा सर्जरी, आईसीयू का इलाज आदि शामिल है।

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