संयुक्त राष्ट्र। भारतीय संसद द्वारा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर के मुद्दे पर दुनियाभर में बार-बार अपनी बेइज्जती करवा रहे पाकिस्तान को एक बार फिर करारा झटका लगा है। संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीर पर मध्यस्थता की गुहार लेकर पहुंचे पाकिस्तान की मांग को ठुकरा दिया है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने साफ तौर पर कहा है कि इस मुद्दे पर हमारे स्टैंड में कोई बदलाव नहीं होगा। कश्मीर मुद्दे को दोनों देश आपसी सहमति और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाएं।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मालेहा लोधी ने सोमवार को कश्मीर मुद्दे पर एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात कर मध्यस्थता की अपील की थी। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव की तरफ से मुख्य प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि कश्मीर पर मध्यस्थता पर हमारी स्थिति पहले की तरह ही है। यूएन महासचिव ने भारत और पाकिस्तान को बातचीत के माध्यम से इस मुद्दे से निपटने की अपील की है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पिछले महीने फ्रांस में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। उन्होंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से भी बात की थी। उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान को किसी भी तरह के आक्रामक रवैये से बचना चाहिए और दोनों देशों को बातचीत से मुद्दे को सुलझाना चाहिए।
तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं
संयुक्त राष्ट्र महासचिव का बयान तब आया जब पाकिस्तान ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 42वें सत्र में इस मुद्दे को उठाया। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा है कि जब दोनों पक्ष इसके लिए राजी होंगे तभी मध्यस्थता को लेकर विचार किया जाएगा। हालांकि, भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर मुद्दा उसका आंतरिक मामला है और इसके लिए किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं है।