बरेली। होली होने के साथ ही मौसम में गर्मी बढ़ने लगती है। गर्मी का मौसम आंखों के लिए बहुत चैलेन्जिंग होता है। तपती धूप, सूरज की अल्ट्रावायलट किरणें और धूल भरी गर्म हवाएं आंखों के लिए तमाम परेशानियां लेकर आती हैं। ऐसे में आंखों की देखभाल पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। प्रकृति ने ठंडे पानी के रूप आंखों के लिए वरदान दिया है। यदि इसका सही उपयोग किया जाये तो आंखों की समस्याओं से बचा जा सकता है। बरेली लाइव से बातचीत के दौरान यह बात वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. अमित तरफदार ने कही।
डा. तरफदार ने कहा कि आंखें बहुत नाजुक और अति महत्वपूर्ण अंग हैं। तपती गर्मी और धूल भरी हवाओं के बीच आंखों की सुरक्षा के लिए खास सावधानियां बरतने की जरूरत होती है। गर्मी के दिनों में आंखों में एलर्जी, कंजंक्टिवाइटिस, ड्राई आई और स्टाइज की समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में थोड़ी सी सतर्कता से आंखों को बीमार होने से बचाया जा सकता है। ऐसे करें आंखों की खास देखभाल –
आंखों को ठंडे पानी से धोएं :
डॉ. तरफदार ने बताया कि आंखों की प्रकृति ठंडक-पसंद है। गर्मी में दिन में तीन बार आंखों को ठण्डे पानी से धोना चाहिए। इसके लिए एक गिलास पानी लें और धीरे-धीरे छींटे मारकर आंखों को धोएं। तेज धार या तेज छपाका मारकर आंखों को न धोंए।
धूप में लगायें चश्मा
इसी तरह धूल भरी हवाओं के बीच यदि कहीं बाहर जाना हो तो आंखों पर चश्मा जरूर लगायें। साथ धूप में जाना हो तो भी धूप का चश्मा यानि सनग्लासेज का उपायोग जरूर करें। यह केवल फैशन नहीं बल्कि आंखों का सुरक्षा कवच होता है। एक ऐसा धूप का चश्मा लें जो आपकी आंखों को पूरी तरह कवर करता हो। साथ सूरज की अल्ट्रावायलट किरणों से भी आंखों को बचा सके। आप फोटोक्रोमैटिक चश्मे का भी उपयोग कर सकते हैं। जो धूप की तेजी के अनुसार रंग को स्वतः परिवर्तित करता है। इससे विजन की क्लियरिटी यानि स्पष्टता बनी रहती है। अलबत्ता कहीं बाहर से आकर थोड़ा आराम करने के बाद आंखों को थोड़े ठण्डे पानी से धोना बहुत लाभकारी रहेगा।
आंखों को रगड़ें नहीं
यदि तेज हवा के दौरान आंखों में कोई धूल कण का कचरे का कण चला जाये तो उसे मलें नहीं। किसी सॉफ्ट कपड़े का उपयोग करें या फिर पानी से धोयें। आंखों को मलने या रगड़ने से आंखों के पर्दे को नुकसान पहुंच सकता है। या फिर आंख की पुतली में जख्म हो सकता है।
आंखों के लिए जरूरी है भरपूर नींद
अधिक देर तक जागने या आंखों पर ज्यादा जोर देकर काम करने से आंखों के नीचे काले घेरे आ जाते हैं। यह बेसिकली नींद कम लेने के कारण होता है। आंखों को पर्याप्त आराम देने के लिए भरपूर नींद लेना जरूरी है। सामान्यतः कम से कम सात से आठ घंटे की नींद किसी भी स्वस्थ्य व्यक्ति के लिए आवश्यक है।
…तो फिर किसी डॉक्टर से सलाह लें
डॉ. तरफदार कहते हैं कि अगर तमाम सावधानियों के बावजूद आंखों में जलन, खुजली या कीचड़ आना जारी रहे तो जल्द से जल्द किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह लें। ऐसी स्थिति में आधी अधूरी जानकारी के अनुसार आंखों के साथ कोई प्रयोग न करें वरना नुकसान हो सकता है।